प्रदेष के पूर्व मुख्यसेवक और आधुनिक राजस्थान के जनक स्वर्गीय मोहनलाल सुखाड़िया के पुत्र दिलीप सुखाड़िया की षनिवार षाम षहर के एक निजी चिकित्सालय में ईलाज के दौरान मौत हो गई। बताया जा रहा है कि षनिवार दोपहर श्री सुखाड़िया की अचानक तबीयत खराब हुई थी और उन्हें इलाज के लिए षहर के एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया था। जहां शाम को श्री सुखाड़िया ने ईलाज के दौरान आखिरी सांस ली। दिलीप सुखाड़िया की मौत का कारण ‘‘दिल का दौरा’’ पड़ना बताया जा रहा है।दिलीप सुखाडिय़ा के परिवार में पत्नी नीलिमा सुखाडिय़ा, उनकी एक पुत्री है और उनके छोटे भाई अरुण सुखाडिय़ा हैं।
68 वर्षीय सुखाडिय़ा राजनीति में सक्रिय होकर उन्होंने पत्नी नीलिमा सुखाडिय़ा को महापौर का चुनाव लड़ाया था, उसके बाद वे कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रहीं। इस दौरान दिलीप सुखाडिय़ा ने उनका साथ देते हुए अपने घर पर ही कांग्रेस कार्यालय बनाया और पार्टी से रूठे कइयों को एक कर पार्टी को मजबूती प्रदान की। उनके निधन की सूचना पर कांग्रेसियाेें में शोक की लहर छा गई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट सहित कई नेताओं ने शोक जताया।
पूर्व मंत्री व सांसद गिरिजा व्यास, कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला, पूर्व विधायक मांगीलाल गरासिया, गाजेंद्र सिंह शक्तावत सहित कई स्थानीय पदाधिकारी व कार्यकर्ता सूचना मिलने के बाद सुखाडिय़ा के आवास पर पहुंचे। शोक जताते हुए उन्होंने दुख प्रकट किया और कहा कि सुखाडिय़ा के असामयिक निधन से पार्टी को क्षति हुई है।

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