सरकारी स्कूलों में 70 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य

Date:

children_assembly_20080407उदयपुर.इस सत्र से सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की 70 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होगी। उपस्थिति की यह गणना विद्यालय प्रारंभ होने की तिथि से वार्षिक परीक्षा तैयारी अवकाश से पूर्व तक मानी जाएगी। यह नियम हाल ही में प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं।

इसके अतिरिक्त जो विद्यार्थी लगातार 45 दिन तक विद्यालय में अनुपस्थित रहता है तो ऐसे विद्यार्थी को ड्राप आउट मानते हुए उसे आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा। विभाग द्वारा जारी किए गए इन नियमों का शिक्षक संघों एवं संस्थाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है।

सिर्फ 10 फीसदी छूट

नए नियमों के अनुसार संस्था प्रधान संतुष्ट होने के बाद विद्यार्थियों की रुग्णता अथवा युक्तिसंगत कारणों से वार्षिक परीक्षा में बैठने के लिए उपस्थिति में अधिकतम 10 प्रतिशत तक छूट दे सकेंगे। विद्यार्थी द्वारा रुग्णता प्रमाण पत्र सात दिन की अवधि में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा। यदि विद्यार्थी निर्धारित समयावधि में यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सकता है, तो उसे छूट से भी वंचित किया जा सकता है।

तैयारी अवकाश भी निर्धारित किए

प्रारंभिक विभाग में बनाए गए नए नियमों के अनुसार अब कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को अर्धवार्षिक परीक्षा के लिए 1 दिन तथा वार्षिक परीक्षा के लिए 2 दिन का परीक्षा तैयारी अवकाश दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त शिविरा पंचांग के अनुसार परिवर्तन को भी मान्य माना जाएगा।

उठे विरोध के स्वर

राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के बाबूलाल जैन ने इन नियमों का विरोध करते हुए इसमें शिथिलता की मांग की है। जैन ने बताया कि राज्य में मौसमी बीमारियों, यहां की सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्थिति आदि को देखते हुए 70 फीसदी उपस्थिति संभव नहीं है। इस कारण जरूरी है कि विद्यार्थियों की उपस्थिति 50 फीसदी ही निर्धारित रहने दी जाए। बताया गया कि प्रदेश के किसी भी स्कूल में 70 फीसदी की उपस्थिति संभव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययनरत इन छात्रों के परिवार के सामने भी कई प्रकार की समस्याएं होती हैं।

स्कूलों को 16 जुलाई तक जमा कराने होंगे लाभार्थी बच्चों के रिकॉर्ड

शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे लाभार्थियों का रिकॉर्ड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 16 जुलाई तक जमा कराना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) ने बुधवार को आदेश दिए कि जिले के सभी निजी स्कूलों को प्रवेश प्रक्रिया 16 जुलाई तक पूरी कर देनी है। गौरतलब है कि निजी स्कूलों को शिक्षा का अधिकार के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देना अनिवार्य है।

सहायक जिला परियोजना समन्वयक (शिक्षा का अधिकार) ललित कुमार दक ने बताया कि सभी निजी स्कूलों को लाभार्थियों का ब्यौरा संबंधित नोडल अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी दोनों को भेजना होगा। बाद में ये जानकारी शिक्षा निदेशक को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस ब्यौरे में विद्यार्थियों की संख्या एवं लागू फीस की जानकारी शामिल है। साथ ही इनमें स्कूलों को ब्यौरा देना होगा कि विद्यार्थी को किस श्रेणी (बीपीएल, एससी, एसटी आदि) के तहत लाभ दिया गया। साथ ही इससे जुड़े दस्तावेज भी सौंपने होंगे।

इस सत्र का खर्च 1 करोड़ 81 लाख 50 हजार

‘सत्र 2012-13 में शिक्षा के अधिकार के तहत जिले में 1 करोड़ 81 लाख 50 हजार रुपए के बिल निजी स्कूलों की तरफ से विभाग को दिए गए हैं। इस सत्र में जिले के 721 निजी स्कूलों में 4720 गरीब बच्चों को एडमिशन दिया गया। निजी स्कूलों को ये राशि दो किश्तों में देने का प्रावधान है, जो हर साल सितंबर एवं मार्च में दी जानी है। लेकिन इस सत्र में बजट की कमी की वजह से निजी स्कूलों को ये राशि तीन किश्तों में दी जाएगी। इनमें से पहली दो किश्तों में लगभग आधी राशि दी जा चुकी है।’ आखिरी किश्त जुलाई2013 में जारी की जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

1XBET Indonesia ️ Ulasan lengkap untuk pemain Indonesia1XBET Indonesia ️ Ulasan lengkap untuk pemain Indonesia

1xBet untuk Android Unduh APK dari Uptodown Ini juga menyediakan...

e-Journal ITATSe-Journal ITATS

INDOBIT88 > Situs Resmi Agen Judi Live Casino Online...

Игра Клуб прибыльная аэрарий с большим выбором изображений а также щедрыми бонусами

При таких раскладах авось-либо взять на буксир рабочее зеркало...

Закачать Loto Club Лотерейное адденда Лото Аэроклуб

Азбучные хозяйничала а еще беглые итоги делают Keno Blitz...