हिन्दुस्तान ज़िंक के सहयोग से वंचित वर्ग के 26 बच्चों के दूसरे समूह ने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 100 प्रतिषत नतीजे प्राप्त किए

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4 विद्यार्थियों ने गणित में पूरे 100 अंक प्राप्त किए
100 डिसटिंक्षन हासिल कींः 19 हिंदी में, 25 अंग्रेज़ी में, 13 फिज़िक्स में, 21 कैमिस्ट्री में और 22 गणित में
 9 विद्यार्थियों ने सभी 5 विषयों में डिसटिंक्षन प्राप्त की
 4 विद्यार्थियों ने कुल 90 प्रतिषत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं

अब भी ये विद्यार्थी हिन्दुस्तान ज़िंक की ’’ऊंची उड़ान’’ प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी-जेईई के लिए कोचिंग में तैयारी कर रहे हैं

वेदांता ग्रुप की कंपनी हिन्दुस्तान ज़िंक ने वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शुरु की गए ’ऊंची उड़ान’ प्रोजेक्ट के दूसरे समूह के बच्चों ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 100 प्रतिषत परिणाम दर्ज किया है तथा उन्होंने हिंदी, अंग्रेज़ी, फिज़िक्स, कैमिस्ट्री व गणित विषयों में कुल 100 डिस्टिंक्षन हासिल की हैं। राजस्थान के सुदूर ग्रामीण इलाकों से आने वाले इन प्रतिभावान विद्यार्थियों का लक्ष्य अब आईआईटी- जेईई की परीक्षा उत्तीर्ण करना है, जिसके लिए ये विद्यार्थी हिन्दुस्तान ज़िंक के सहयोग से उदयपुर जिले में कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं।

विद्यार्थियों को बधाई देते हुए हिन्दुस्तान ज़िंक के डिप्टी सीईओ श्री अरुण मिश्रा ने कहा, ’’इन विद्यार्थियों की सफलता हमेषा बहुत खास रही है क्योंकि इन्होंने हर विपरीत स्थिति से मुकाबला करते हुए शानदार प्रदर्षन किया है। इनकी कामयाबी हमारे इस विष्वास को पुख्ता करती है कि उत्तम षिक्षा तक पहुंच सुनिष्चित करके ग्रामीण भारत में बदलाव लाए जा सकते हैं। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मैं इन विद्यार्थियों को बधाई देता हूं और समाज के लोगों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारे कार्यक्रमों को निरंतर समर्थन दिया। मैं षिक्षकों का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो इन विद्यार्थियों को प्रषिक्षित करने में बहुत ही बढ़िया काम कर रहे हैं ताकि वे भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक आईआईटी-जेईई में उत्तीण हो सकें। ये सम्माननीय षिक्षणगण इन बच्चों के सपनों व उनके लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।’’

हिन्दुस्तान जिं़क का ’ऊंची उड़ान’ एक शैक्षणिक उत्कृष्टता कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य है कंपनी के परिचालन क्षेत्र में आने वाले सरकारी स्कूलों के प्रतिभावान विद्यार्थियों की पहचान करना और उन्हें आईआईटी व अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेष हेतु संरक्षण देना। कंपनी हर वर्ष ग्रामीण इलाकों से कड़ी चयन प्रक्रिया द्वारा 25-30 विद्यार्थियों का चयन करती है। यह चयन राजस्थान के 6 जिलों-उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद व अजमेर तथा उत्तराखंड के पंतनगर से किया जाता है। इन बच्चों को आईआईटी और अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेजों में प्रवेष पाने के लिए निषुल्क कोचिंग दी जाती है। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट में कक्षा 9 से 12 के 123 बच्चे (समूह 2 से समूह 5) शामिल हैं। हर साल एक समूह जेईई परीक्षा में बैठता है। 9वीं कक्षा से ही बच्चों की शुरुआत करा देने पर उन्हें कड़े प्रषिक्षण के लिए चार वर्ष मिल जाते हैं।

इस प्रोजेक्ट के तहत विद्यार्थियों के चयनित समूह को रिहाइषी और गैर-रिहाइषी स्कूलिंग व कोचिंग सपोर्ट दिया जाता है। कंपनी रेसोनेंस ऐजुवेंचर्स प्रा.लि. और विद्या भवन, उदयपुर के सहयोग से यह कार्य कर रही है। रेजोनेंस ऐजुवेंचर्स प्रा.लि. इन विद्यार्थियों को आईआईटी प्रवेष परीक्षा के लिए कोचिंग देती है और विद्या भवन द्वारा स्कूलिंग, बोर्डिंग व लाॅजिंग सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड के बारे में
वेदांता ग्रुप की कंपनी हिन्दुस्तान ज़िंक भारत की एकमात्र जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी है, इसका शुमार इस सैगमेंट की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में होता है। कंपनी का मुख्यालय उदयपुर, राजस्थान में है, यहां इनकी ज़िंक-लैड खदानें और स्मैल्टिंग काॅम्पलेक्स हैं। कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट के साथ हिन्दुस्तान ज़िंक पावर के मामले में आत्मनिर्भर है। इस कपंनी ने पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी कदम रख दिया है। डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स 2019 में खनन व धातु कंपनियों की सूची में हिन्दुस्तान ज़िंक को एषिया-प्रषांत क्षेत्र में पहला स्थान तथा विष्व स्तर पर 5वां स्थान दिया गया है। हिन्दुस्तान ज़िंक एक प्रमाणित वाटर पाॅज़िटिव कंपनी है।

सामाजिक रूप से जिम्मेदार एक काॅर्पोरेट समूह के तौर पर हिन्दुस्तान ज़िंक अपने कारोबारी स्थलों के आसपास बसे ग्रामीण व आदिवासी लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए निरंतर काम करती है। काॅर्पोरेट सामाजिक दायित्व हेतु पैसा खर्च करने वाली भारत की शीर्ष 15 कंपनियों में हिन्दुस्तान ज़िंक का शुमार होता है। यह कंपनी राजस्थान के 184 गांवों एवं उत्तराखंड के 5 गांवों में 5,00,000 लोगों तक पहुंच कर उनके कल्याण हेतु काम कर रही है। हिन्दुस्तान ज़िंक मार्केट लीडर है; भारत में ज़िंक बाजार का 79 प्रतिषत तथा सिल्वर बाजार का 95 प्रतिषत हिस्सा इसी के पास है, गौरतलब है कि ये दोनों ही बाजार लगातार बढ़ रहे हैं।

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