ज़िंक-सीसा और चांदी की भारत की एकमात्र एकीकृत उत्पादक तथा इस कारोबार में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक हिन्दुस्तान ज़िंक ने आज अरुण मिश्रा को कंपनी का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाने की घोषणा की, वह नवंबर 2019 से कंपनी के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद संभाल रहे थे, अब बतौर सीईओ उनका कार्यकाल 1 अगस्त 2020 से आरंभ होगा। वह सुनील दुग्गल का स्थान ले रहे हैं जो कि अब ग्रुप कंपनी वेदांता लिमिटेड के सीईओ का पदभार संभाल रहे हैं। बतौर सीईओ अपनी नई भूमिका में श्री मिश्रा व्यापारिक परिचालन की रणनीति बनाने और कंपनी के विस्तार में अहम भूमिका निभाएंगे।

इस अवसर पर वेदांता के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील दुग्गल ने कहा, ’’इस नई भूमिका में अरुण का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुषी है। उनके शानदार लीडरषिप ट्रैक रिकाॅर्ड, गहरी रणनीतिक विषेषज्ञता और परिवर्तन को मुमकिन बनाने के उनके अनुभव को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि वृद्धि की अगली अवस्था में कंपनी के नेतृत्व हेतु वह बिल्कुल तैयार हैं।’’

अपनी नियुक्ति पर हिन्दुस्तान ज़िंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, ’’हमारी कंपनी की विरासत शानदार है, इतने वर्षों के दौरान टीम के प्रत्येक सदस्य ने इसका निर्माण किया है। यह मेरे लिए गौरव की बात है कि मैं एक बेहतरीन काॅर्पोरेट लीडर का स्थान ले रहा हूं जिन्होंने कंपनी का मार्गदर्षन करते हुए उसे इस मुकाम तक पहुंचाया। उसी नज़रिए को आगे बढ़ाने के लिए मैं काम करुंगा।’’

श्री मिश्रा को 31 वर्षों का अनुभव है और अपने कॅरिअर में उन्होंने कई अहम दायित्व संभाले हैं। हिन्दुस्तान ज़िंक में आने से पहले टाटा स्टील में वाईस प्रेसिडेंट-राॅ मैटेरियल्स के पद पर काम कर चुके हैं। वह इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ मिनरल इंजीनियर्स के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कई पत्रिकाओं में उनके कई लेख प्रकाषित हो चुके हैं।

श्री मिश्रा ने आईआईटी-खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, फिर न्यू साउथ वेल्स सिडनी से माइनिंग व बेनिफिसिएशन में डिप्लोमा लिया तथा सीईडीईपी, फ्रांस से जनरल मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी हासिल किया।

हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड के बारे में
वेदांता ग्रुप की कंपनी हिन्दुस्तान ज़िंक भारत की एकमात्र ज़िंक-लैड व सिल्वर उत्पादक कंपनी है, इसका शुमार इस सैगमेंट की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में होता है। कंपनी का मुख्यालय उदयपुर, राजस्थान में है, यहां इनकी ज़िंक-लैड खदानें और स्मैल्टिंग काॅम्पलेक्स हैं। कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट के साथ हिन्दुस्तान ज़िंक पावर के मामले में आत्मनिर्भर है। इस कपंनी ने पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी कदम रख दिया है। डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स 2019 में खनन व धातु कंपनियों की सूची में हिन्दुस्तान ज़िंक को एषिया-प्रषांत क्षेत्र में पहला स्थान तथा विष्व स्तर पर 5वां स्थान दिया गया है। हिन्दुस्तान ज़िंक एक प्रमाणित वाटर पाॅज़िटिव कंपनी है।

सामाजिक रूप से जिम्मेदार एक काॅर्पोरेट समूह के तौर पर हिन्दुस्तान ज़िंक अपने कारोबारी स्थलों के आसपास बसे ग्रामीण व आदिवासी लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए निरंतर काम करती है। काॅर्पोरेट सामाजिक दायित्व हेतु पैसा खर्च करने वाली भारत की शीर्ष 15 कंपनियों में हिन्दुस्तान ज़िंक का शुमार होता है। यह कंपनी राजस्थान के 184 गांवों एवं उत्तराखंड के 5 गांवों में 5,00,000 लोगों तक पहुंच कर उनके कल्याण हेतु काम कर रही है। हिन्दुस्तान ज़िंक मार्केट लीडर है; भारत में ज़िंक बाजार का 79 प्रतिषत तथा सिल्वर बाजार का 95 प्रतिषत हिस्सा इसी के पास है, गौरतलब है कि ये दोनों ही बाजार लगातार बढ़ रहे हैं।

Previous articleहिंदुस्तान जिंक स्मेल्टर देबारी द्वारा मेड़ता में निर्मित कक्षा-कक्ष का उद्घाटन
Next articleFormer Partner, EY and a former CEO join Hindustan Zinc Board

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here