उदयपुर। राजसमंद में हुए ह्त्या काण्ड के बाद उदयपुर में सोशल मीडिया पर भड़काऊ मेसेज हत्यारे शम्भू लाल के समर्थन में रैली निकालने के आव्हान को देखते पुलिस प्रशासन ने 14 दिसंबर से 16 दिसंबर तक 144 धरा लगा इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी।
लेकिन 14 दिसंबर को कई हिन्दू संगठनों के युवाओं ने दिन भर शहर में प्रदर्शन किया इस दौरान जो सबसे चोंकाने वाली बात प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बिच हुई जंग के बिच कुछ युवा उदयपुर के न्यायालय के मुख्य द्वार स्वर्ण जयंती द्वार पर चढ़ गए और वहां पर भगवा झंडा फहरा दिया। काफी देर तक झंडा फहराकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ उत्पातियों ने छत से पुलिस पर पत्थर फेंके। बाद में पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें निचे उतारा। कोर्ट में कुछ वकीलों का साथ पा कर प्रदर्शन कारियों को छूट मिल गयी और पुलिस पर जम कर पथराव भी किया। पुलिस ने लाठीचार्ज करके हालात काबू करने की कोशिश की लेकिन माहौल और बिगड़ गया। प्रदर्शनकारी कोर्ट के अंदर तक चले गए। इसके बाद कोर्ट परिसर में ही प्रदर्शनकारियों के साथ वकीलों और पुलिस के बीच भी झड़प हुई।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों में 15 मिनट तक पत्थरबाजी हुई, जिसमें 10 पुलिस अफसरों सहित 31 जवान घायल हो गए। इनमें से 4 सिपाही गंभीर रूप से घायल हैं जबकि 3 पुलिस इंस्पेक्टर और एक डिप्टी गोपाल सिंह को भी चोटें अाई हैं।

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