उदयपुर |  मानवाधिकार दिवस के अवसर पर विकल्प हेल्प लाइन और सपोर्ट सेंटर के तत्वावधान में हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के साथ संवाद का आयोजन किया गया | इसमें उदयपुर शहर, मावली और गोगुन्दा की 48 महिलाओं ने भाग लिया |

संवाद के दौरान महिलाओं ने बताया कि महिला इन्सान है इतना भर मान लिया जाय तो भी दुनिया में बहुत सारी परेशानियां, दुःख, मारपीट, प्रताड़नाएँ कम हो जाएगी | महिलाओं पर होने वाली हिंसा के कोई बहुत बड़े कारन नहीं होते | मामूली बातों पर मारपीट करना बहुत ही आम बात है | दुख कि बात तो यह है कि अपने समाज में इनको साधारण बात मानकर छोड़ दिया जाता है | यह हिंसाएँ ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रही है |

खांजीपीर, मल्लातलाई और गोगुन्दा की महिलाओं ने तय किया अपने आसपास में महिलाओं पर होने वाले हिंसाओं पर मिलकर आवाज़ उठाएंगे | न मारपीट सहेंगे और न ही होने देंगे | और आपस में एक दूसरी महिला का सहारा बनेंगे |

सामाजिक कार्यकर्ता शशिप्रभा ने कहा कि विकल्प हेल्प लाइन और सपोर्ट सेंटर महिलाओं की मदद के लिए है | महिलाएं निसंकोच यहाँ आ सकती है फ़ोन कर सकती है | निशुल्क मदद ले सकती है | महिलाये किसी भी प्रकार के अत्याचार सहन नहीं करें |

संवाद में विकल्प संस्थान की कार्यक्रम निदेशक उषा चौधरी ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों पर होने वाले अत्याचारों का असर पुरे समाज पर होता है | इसीलिए यह मामला केवल महिलाओं का ही नहीं है | इसको ख़तम करने और इसको रोकने की जिम्मेदारी सभी की है | हम सब मिलकर ही समाज में महिला-पुरुष के बीच की गैरबराबरी और लड़कियों- महिलाओं पर होने वाली हिंसा से मुक्त समाज बना सकेंगे | उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकारों का हनन मानवाधिकारों का हनन है |

हेल्पलाइन की काउंसलर अफरोज पठान ने महिलाओं से जुडी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी | 

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