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उदयपुर. हिन्दुस्तान जिंक व दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित ‘सखी’ कार्यशाला में गुरुवार को 130 ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यहां अशोका पैलेस में हुई कार्यशाला में महिलाओं ने अनुपयोगी चीजों से कलात्मक वस्तुएं तैयार करने से लेकर फैशन डिजाइनिंग के गुर सीखे। स्वयं सहायता समूह बनाने व उससे होने वाले सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण के बारे में भी जाना। हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने प्रतिभागियों को कार्यशाला की गतिविधियों से अवगत कराया। इस दौरान उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। वर्कशॉप में महिलाओं को 25-25 के समूह में बांटा गया।

समूहों में पाया प्रशिक्षण
वर्कशॉप में 20 समूह के पहले छोटे समूह के संचालक रहे लोकल आर्ट डॉॅट काॅम की टीम ने कतरन से बनी वस्‍तुएं बनाने का प्रशिक्षण दिया। दूसरे छोटे समूह के संचालक कोनिका हस्तकला केन्द्र के लोकेश जैन ने गृह सज्जा से अवगत कराते हुए उत्पादों को बनाना सिखाया। तीसरे समूह को कोनिका हस्तकला केन्द्र की कुशल जैन ने कपड़ों के बैग्स व की-चैन बनाना सिखाया। चौथे समूह की प्रशिक्षक धन लक्ष्मी हैंडीक्राफ्ट की सुरभि सोनी ने जूट से कलात्मक वस्तुएं बनाना सिखाया। अंतिम समूह ऐरीदेस स्कूल आॅफ फैशन के सुहेल कुरैशी ने फैशन डिजाइन के बारे में महिलाओं को जानकारी दी। फैशन गारमेंट्स बनाना भी सिखाया।

 

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जो तैयार किया, उसे साथ ले गईं
कार्यशाला में शामिल महिलाओं ने जो भी उत्पाद प्रशिक्षण के दौरान तैयार किए थे, उन्हें वे घर साथ ले गईं। साथ ले जाने वाले उत्पादों में कतरन से बनी ट्रे, की-चैन, कुशन कवर, डिजाइनर कुर्ते, जूट का पॉट होल्डर तथा बैग्स शामिल थे। कार्यशाला का संचालन हिन्दुस्तान जिंक की मैत्रेयी सांखला ने किया। अधिकारी प्रद्युम्न सोलंकी, प्रणव जैन अथवा शिवनारायण ने समूहों के गठन एवं व्यवस्था में सहयोग किया। कार्यशाला में हिन्दुस्तान जिंक के की सुषमा शर्मा, अशोक सोनी, डी.एस. चौहान सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

यहां होंगी कार्यशालाएं
शेष तीन सखी कार्यशालाएं 26 जुलाई को राजसमंद में, 28 जुलाई को भीलवाड़ा तथा 30 जुलाई को चित्तौड़गढ़ में आयोजित की जाएंगी।
प्रत्येक कार्यशाला में लगभग 125-130 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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