asrar ahmad khanअजमेर। इस्लामिक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस द्वारा पेरिस पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत में मुसलमानों के सबसे बडे़ धर्म स्थल सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन की दरगाह कमेटी के सदर असरार अहमद खान ने कहा कि इस क्रूरता की जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सभी लोगों के खड़े होने का समय आ गया है। इसे खत्म करने के लिए लोग व्यावहारिक उपाय आजमाएं।

दरगाह कमेटी के सदर ने शनिवार को जारी एक ब्यान में कहा कि हमला हैवानियत की पराकाष्ठा और गैर इस्लामी है। इस्लाम में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है क्योकि ख्वाजा साहब ने सूफिज्म के माध्यम से इन्सानियत भाईचारे और मानवता का संदेष दिया जो इस्लाम का मूल सिद्धांत है और इसके बिलकुल विपरित आईएसआईएस आतंक फैलाकर इस्लाम की गलत तस्वीर पेष करने का षडयंत्र रच रहा है दरगाह कमेटी इस प्रकार के कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करती हैं।

असरार खान ने कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों को आतंकवादी और चरमपंथी तत्वों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। ये तत्व मानवता और इस्लाम के सबसे बड़े दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस्लाम के बारे में व्यापक समझ और कुरान की शिक्षाओं की गलत व्याख्या से बचाने की जरूरत है। दुनिया भर में आतंकवाद और चरमपंथ की चुनौतियों से मुकाबले के लिए इमामों, धार्मिक नेताओं और अन्य विद्वानों को बड़ी भूमिका निभानी होगी।

उन्होने कहा कि आतंकावादियों ने ऐसे लोगों को मारा गया है जो बिल्कुल निर्दोष थे। आईएस को इजरायल और अमेरिका ने बढ़ावा दिया है। सभी देश मिलकर आईएस की मदद बंद करने का दबाव बनाएं। उन्होने कहा कि इस्लामिक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के जुल्मों से पीड़ीत सीरियाई मुस्लिम यूरोपीय देशों में शरण ले रहे हैं। यह आतंकी हमला उन मजलूमों के लिए यूरोप के देशों के दरवाजे बंद करने की साजिश हो सकती है।

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