उदयपुर। इस्लाम के आखरी पैगम्बर हज़रत मोहम्मद स.अ.स. के विलादत के अवसर पर १२ रबीउल अव्वल को जश्न ए ईद मिलादुन्नबी पुरे जोश खुशियों के साथ मनाया गया। इस मोके पर शहर में विशाल भव्य जुलुस ए मोहम्मदी निकाला गया जिसमे शहर ही नहीं आसपास के जिले भर से मुस्लिम लोगों ने भाग लिया। हज़ारों की तादात में मुस्ली युवा बच्चे बूढ़े हर कोई इश्क ए रसूल की दीवानगी दीवाना दिखाई दिया। दिन में एक बजे अंजुमन चोक से रवाना हुआ जुलुस बड़ा बाज़ार, घंटाघर, हाथीपोल , नयी पुलिया, अम्बावगढ , रना जी चौराहा , मल्ला तलाई होता हुआ शाम को मगरिब के बाद इमरत रसूल बाबा की दरगाह पर जा कर ख़त्म हुआ जहाँ पर हुजुर स.अ.स. को सलाम पेश करने के साथ संम्पन्न हुआ।

शनिवार सुबह से ही हर मुस्लिम बस्तियों में जश्न ए ईद मिलाद की रोनक दिखाई दे रही थी। युवा सफ़ेद कुर्ता पजामा कोई पगड़ी तो कोई टोपी पहले जुलूसे मोहम्मदी के लिए तय्यार थे। मोहल्लों में सुबह से ही तबर्रुक वितरिक किया जारहा था। इस बार हर मुस्लिम मोहल्ले से जुलुस पहले अंजुमन चोक पहुचा जिसके बाद एक आशिके रसूल के दीवानों का विशाल जुलुस जुलुस ए मोहम्मदी के रूप में शहर भर में होता हुआ निकला। घोड़े ऊंट कार जीप आदि वाहनों पर बैठे युवा मोहम्मद साहब की शान में नात पढ़ते हुए आगे बढ़ रहे थे। डीजे पर आशिक ए रसूल ने आक़ा की शान में नात चला राखी थी जिसपर हरे सफ़ेद रंग के इस्लामी परचम लहराते हुए झूमते हुए चल रहे थे। कई युवाओं के हाथ में लहराते तिरंगे जुलुस की शान बढ़ा रहे थे।
हर जगह कदम कदम पर खाने पिने की स्टालें लगी हुई थी जश्न हर तरह के खाने पिने की चीजें बांटी जा रही थी। हर मुस्लिम बस्ती शानदार तरीके से सजा राखी थी। हाथीपोल नयी पुलिया और आखिर में मल्लातलाई में सड़कों पर सज्जा देखने लायक थी। इन जगहों पर भीड़ भी भारी रही। ईद मिलादुन्नबी के मोके पर कई संगथाओं ने अस्पताल में फल फ्रूट वितरित किये गरीब बच्चों को मिठाइयाँ व् नए कपडे भी वितरित किये।

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