पोस्ट न्यूज़ .इस्लामिक माह रजब का चांद दिखाई देने के साथ ही सोमवार रात से सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 806वें उर्स की विधिवत शुरुआत हो गई। दरगाह परिसर में झांझ, शादियाने, नगाड़े बजाकर और बड़े पीर की पहाड़ी से पांच तोपों की सलामी देकर सोमवार रात रजब के चांद की घोषणा की गई। इसके साथ ही उर्स की मुबारकबाद का सिलसिला शुरू हो गया। लोगों ने एक-दूसरे को गले लगकर बधाई दी। ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह स्थित महफिलखाने में रात 11 बजे उर्स की पहली महफिल सजी और देर रात मजार शरीफ पर पहले गुस्ल की रस्म अदा की गई।
जायरीन की आवक से बढ़ी रौनक
उर्स शुरू होते ही देश भर से जायरीन के यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके चलते दरगाह क्षेत्र में रौनक बढ़ी है। जायरीन सिर पर चादर फैलाए जत्थे के रूप में दरगाह पहुंचने लगे हैं। वहीं मेला क्षेत्र में चारों तरफ कव्वालियां गूंज रही हैं। कायड़ विश्राम स्थली पर करीब 350 बसें अभी तक आ चुकी हैं। दरगाह में सोमवार को दिनभर जन्नती दरवाजे से गुजर कर जियारत करने के लिए अकीदतमंद में होड़ मची रही।
महफिल में झूमे अकीदतमंद महफिलखाने में सोमवार रात उर्स की पहली महफिल हुई। इसमें शाही कव्वाल असरार हुसैन व साथियों ने ‘ख्वाजा मोइनुद्दीन प्यारा बनड़ा…, मुख से घूंघट खोल…, मोरे ख्वाजा के अंगना होली है… Ó आदि कई कलाम पेश की अकीदतमंद को झूमने पर मजबूर कर दिया।

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