उदयपुर। स्वर्गीय राजेश खन्ना की फिल्म हाथी मेरे साथी फिल्म का वह गीत तो आपको याद होगा “नफरत की दुनिया को छोड़ के प्यार की दुनिया में खुश रहना मेरे यार” इसी फिल्म की एक लाइन है “जब जानवर कोई इंसान को मारे कहते हे दुनिया में वहशी उसे सारे इक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है चुप क्यों है संसार” यह लाइन आज भी सार्थक है शनिवार को भीलवाड़ा के आसींद कसबे के पास में एक पेंथर को लोगों द्वारा मारे जाने का वीडियो देख कर। एक पेंथर को २५ लोग लाठियों से पीट रहे है और बिच में पेंथर मरणासन्न स्थिति में है,जंगल दिन ब दिन काटते जा रहे है, जानवरों के घर जंगल में इंसान अपना कब्जा करता जा रहा है, जब ऐसे में कोई पेंथर या अन्य जानवर जंगल के पास ही बसी बस्ती में घुस आता है तो इंसान उसको या तो जान से मार देते है या फिर अधमरा कर मरने के लिए छोड़ देते है। अब जानवर आखिर करे तो क्या करे और जाए तो कहाँ जाए,….. बेजुबान जानवर अपने हक़ की आवाज़ भी नहीं उठा सकता, जंगल उसका घर है लेकिन इन जंगलों पर राज इंसानों का है,और जानवरों को ये इंसान ना जंगल में रहने देते है ना ही अपने घर के आसपास फटकने देता है,….. देखिये वीडियो आपभी और बस अफ़सोस मनाइये क्यों के शायद इसका इलाज किसी के पास नहीं है।

देखिये विडियो

 

वीडियो में दिख रही घटना के बारे में बता दें की भीलवाड़ा के आसींद कसबे की यह घटना है जब पेंथर ने दो लोगों को घायल कर दिया तो लोगों ने पेंथर का क्या हाल किया खुद ही देखिये ,.. वन्य जीव प्रेमियों ने इस घटना की निंदा जरूर की है लेकिन इसका उपाय ना उनके पास है ना ही अधिकारियोंम के पास इसी तरह जंगल काटते रहेंगे जंगली जानवर बस्तियों में आते रहेगें और इंसान उनको मारते रहेगें।

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