18_02_2014-18dogudaipur पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी प्रखंड के डुकासाई गांव में एक बच्ची की कुत्ते के साथ शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। डेढ़ वर्षीय बच्ची का कम उम्र में ही दूध का दांत निकल आया था। कम आयु में बच्ची का दूध का दांत देख परिजन इसे अशुभ संकेत मान बैठे। उससे प्रायश्चित करने के लिए एक कुत्ते के साथ विवाह कराना उचित समझा। बस क्या था बच्ची के परिजनों ने सोमवार को पड़ोस के एक रोमियो नामक कुत्ते को लाकर दूल्हा के रूप में शरीर पर धोती बांधकर सजा दिया। इसके बाद बच्ची व कुत्ते के गले में फूलमाला पहना कर हल्दी लेपन के बाद दुल्हा-दुल्हन का रूप दिया गया था।
आदिवासी परम्परा के अनुसार विवाह संपन्न होने के बाद दोनों वर-वधु को गोद में लेकर गृह प्रवेश कराया गया। गांव में इस तरह की शादी पहली बार होने की खबर पाकर आस पड़ोस के लोग नगाड़ा मांदर बजाकर थिरकने लगे थे। बच्ची के पिता ने बताया कि आदिवासी परंपरा के आधार पर कम आयु में दूध के दांत निकल आना अशुभ संकेत माना जाता है। इस अशुभ संकेत से मुक्ति पाने के लिए इस तरह के रिवाज को अपनाया जाता है। बेटी व कुत्ते का यह गंधर्व विवाह है। शादी के बाद उपस्थित लोगों को हडिय़ा पिलाकर विदाई दी गई।

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