उदयपुर। मेवाड़ की राजनीति में फिर एक बार बड़ा उलटफेर हो गया है। उदयपुर जिले की हॉट सीट मानी जाने वाली मावली विधानसभा की सीट पर कांग्रेस ने उदयपुर देहात जिलाध्यक्ष लाल सिंह झाला को दिया हुआ टिकिट वापस लेलिया और उनकी जगह पुष्कर डांगी को देदिया। लाल सिंह झाला ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था लेकिन सूत्रों के अनुसार सीपी जोशी और हार्दिक पटेल के दबाव में आकर आलाकमान ने अपना फैसला बदला और झाला को दिया हुआ टिकिट पुष्कर डांगी को देदिया।
माना जारहा है कि डांगियों को खुश करने के चक्कर में कांग्रेस राजपूतों को नाराज़ कर बैठी है और मावली को दोनों पार्टियों द्वारा वर्ग विशेष में बाँट दिया गया है भजपा से यहाँ पर धर्म नारायण जोशी मैदान में है साथ भाजपा के बागी कुलदीप सिंह भी मैदान में है।

 

क्या ये विडियो देखा आपने 

 

हार्दिक की दोस्ती और सीपी का साथ आया काम पुष्कर डांगी को :

ऐसे कटा टिकट : मावली सीट पर पुष्कर डांगी प्रबल दावेदार थे। उनके साथ इंटक के जगदीशराज श्रीमाली और गोरधन सिंह भी दावेदारी कर रहे थे। इन दोनों ने एक साथ डांगी का विरोध करते हुए किसी अन्य को टिकट देने की बात कही। ऐसे में डांगी की जगह लालसिंह को टिकट दिया गया।

झाला ने मांगा था कुंभलगढ़ से टिकट; दिया मावली से, नामांकन भी कर दिया, फिर काट दिया टिकट

मावली में आखिर कांग्रेस को क्या था डर या था किसी का दबाव , देखिये विडियो 

 

कांग्रेस के देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला लंबे समय से कुंभलगढ़ से टिकट की दावेदारी जता रहे थे, मगर पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.सीपी जोशी के बेहद करीबी माने जाने वाले पुष्कर डांगी की दावेदारी दरकिनार कर झाला को मावली से टिकट दे दिया। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद झाला ने शनिवार को नामांकन भी दाखिल कर दिया। नामांकन दाखिल किए 48 घंटे का वक्त भी नहीं निकला होगा कि कांग्रेस ने बड़ा उलटफेर कर रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे एक सूची जारी कर उसमें झाला का टिकट काट पुष्कर डांगी को प्रत्याशी बना दिया। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह ने झाला को फोन पर उनका टिकट कटने की सूचना दी थी तो एक बारगी झाला के पैरों तले जमीन खिसक गई।

और ऐसे मिला वापस टिकट : गुरुवार रात को टिकट कटने के साथ ही शुक्रवार सुबह पुष्कर डांगी दिल्ली पहुंच गए। वहां हार्दिक पटेल को साथ लेकर अहमद पटेल और राहुल गांधी से मुलाकात की। इन दोनों ने आश्वासन तो दिया लेकिन फाइनल कुछ नहीं कहा। शनिवार को पुष्कर फिर मावली आए, यहां डांगी समाज के लोग पहले से ही लामबंद थे। उन्होंने मावली ही नहीं पूरे मेवाड़ में कांग्रेस की खिलाफत का बिगुल बजा दिया। सभी कांग्रेस प्रत्याशियों पर दबाव डाला। आखिर आलाकमान ने इसे गंभीरता से लिया और डांगी को टिकट देना पड़ा।

लालसिंह झाला ने नामांकन तक दाखिल कर दिया।

सीपी-झाला की दूरी : किसी समय सीपी जोशी बेहद करीब माने जाने वाले लालसिंह झाला इन दिनों उनसे दूरी बनाए हुए थे। पिछले दिनों सीपी जब जन्म दिन मनाने उदयपुर आए ताे झाला सर्किट हाउस में उनसे मिलने भी गए थे। कुंभलगढ़ में सीपी के विश्वासपात्र गणेशसिंह परमार की दावेदारी के बीच प्रबल दावेदारी जताने के कारण भी झाला और सीपी के बीच दूरी और बढ़ गई।

इतने साल पार्टी की सेवा का मुझे यह फल मिला, जिलाध्यक्ष भी नहीं रहूंगा

मैंने टिकट कुंभलगढ़ से मांगा और मावली से दिया। वापस काटना ही था तो पहले बोले देते नामांकन दाखिल मत करना मैं दो दिन और रुक जाता। इतने साल पार्टी की सेवा का यह फल मिला है। डांगी वोट बैंक की चिंता मेंं दबाव में पार्टी ने मेरा टिकट काटा हाेगा। प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह ने फोन पर सूचना दी। मैंने सचिन पायलट को फोन पर बताया तो उन्होंने भी हैरानी जताई। मैंने पायलट से निवेदन किया है कि अब आप देहात जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी और को दे दो। हालांकि मैं संगठन के लिए काम करता रहूंगा। -लालसिंह झाला, कांग्रेस देहात जिलाध्यक्ष

हार्दिक को पुष्कर ने दी थी पनाह

गुजरात हाईकोर्ट ने पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को 17 जुलाई 2016 से छह माह के लिए गुजरात से राज्य बदर किया था। तब पुष्कर ने हार्दिक को उदयपुर के धाउजी की बाड़ी नाकोड़ा नगर स्थित अपने घर पर शरण दी थी। दोनों एक ही जाति से हैं।

गेम चेंजर

पुष्कर डांगी बोले- हार्दिक और सीपी ने टिकट दिलाया

टिकट बदलवाने में हार्दिक पटेल और सीपी जोशी का सहयोग रहा। समर्थकों और डांगी समाज ने पूरा साथ दिया। समाज तो पार्टी को पूरे मेवाड़ में हराने की चेतावनी दे चुका था। रविवार दोपहर को ही टिकट बदलने का संकेत मिल चुका था। अविनाश खन्ना, अशोक गहलोत के फोन भी आए। मैं पार्टी के विश्वास पर खरा उतरूंगा। – पुष्कर डांगी, मावली से कांग्रेस प्रत्या

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