मजदूर दिवस पर रैली,धरने एवं प्रदर्शन

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सेवारत डॉक्टरों ने सुबह ८ से १० काम बंद रखा
उदयपुर, १ मई मजदूर दिवस धरने प्रदर्शन और मजदूरों की रैली के नाम रहा तो कही कर्मचारियों ने विरोध के रूप में सामूहिक अवकाश ले लिया तो कही मजदूरों ने शहर भर में रैली निकली तो सेवारत डॉक्टर ने भी सुबह ८ से १० अपना काम बंद रखा ।
विश्व मजदूर दिवस पर श्रम संगठनों ने रैली का निकली-मजदूर एकता जिंदाबाद, कम के बदले पूरा दाम , हमारा हक हमें दो जेसे नारे लगा कर मजदूरों ने शहर की सडकों पर विरोध प्रदर्शन किया इंतक के झंडे हाथों में लिए मजदूरों की रैली मोहता पार्क से रवाना होकर चेतक सर्कल, हाथीपोल,अश्विनी बाजार, देहलीगेट, बापू बाजार, सूरजपोल होते हुए नगर निगम के सुखाडिया रंगमंच पहुंची।
महिला श्रमिक भी हुई शामिल: रैली में पुरुष ही नहीं महिला श्रमिकों ने भी बढचढ कर भाग लिया। इंटक के झंडे हाथों में लिए महिलाओं ने भी अपने हक को नारों से बुलंद किया।
यह संगठन हुए शामिल: रैली में आरएसएमएम, हिन्दुस्तान जिंक कर्मचारी, किसान खेत मजदूर कांग्रेस, औद्योगिक इकाइयों के ठेका श्रमिक, असंगठित एवं संगठित श्रमिक और कई अग्रिम श्रम संगठनों के श्रमिक शामिल थे।
एनी विभागों में भी रहा विरोध प्रदर्शन : भटनागर समिति की सिफारिशों के विरोध में मजदूर दिवस पर आज एक दर्जन से अधिक कर्मचारी संगठनों ने कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया एवं सामूहिक अवकाश पर रहे। कई कर्मचारी दफ्तर पहुंचे, लेकिन सरकारी फाइलों को हाथ नहीं लगाया तथा कोई काम नहीं किया। शिक्षक, इंजीनियर, क्लर्क, तकनीकी कर्मचारियों ने सरकारी काम नहीं किया। वहीं सेवारत डाक्टर्स ने भी सुबह आठ से १० बजे तक काम का बहिष्कार किया। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षक संगठनों द्वारा शाम चार बजे कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेशाध्यक्ष बाबूलाल जैन ने बताया कि सरकारी शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारियों की तुलना में सरकार दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। इसके विरोध में सभी शिक्षकों ने एकजुट होकर आर-पार की लडाई करने की ठानी है। राजस्थान शिक्षक संघ (एकीकृत) के जिलाध्यक्ष गोपालसिंह आसोलिया ने बताया कि संघ के तहत आने वाले नर्सेज एसोसिएशन, जलदायकर्मी, पैराटीचर्स संघ, आंगनवाडी, विद्यार्थी मित्र तथा सहायक कर्मचारी संघ आदि के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे और सरकारी कार्यों का बहिष्कार किया। मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रवक्ता रमेशचंद्र शर्मा ने बताया कि कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दफ्तरों में एक घंटे कार्य का बहिष्कार किया है। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकारी फाइलों को हाथ नहीं लगाकर विरोध प्रदर्शित किया।
सरकारी काम प्रभावित: मजदूर दिवस पर विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा सरकारी कामकाज का बहिष्कार कर देने से ऑफिसों में कामकाज ठप रहा, कर्मचारी एक-दूसरे से गप-शप करते नजर आएं। कर्मचारियों की इस हडताल से जहां सरकार को राजस्व की हानि हुई, वहीं लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पडा। अस्पतालों में रोगी परेशान हुए, दफ्तरों में लाइसेंस, प्रमाण-पत्र एवं अन्य महत्वपूर्ण कामों के ठप हो जाने से आम आदमी को मुसीबतें झेलनी पडी।
नहीं मना प्रवेशोत्सव : सबसे ज्यादा प्रभाव सरकारी स्कूलों पर पडा, एक मई को सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाया जाना था, लेकिन शिक्षकों की हडताल के चलते प्रवेशोत्सव नहीं मनाया जा सका।

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