उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी में गुरुवार को जम कर हंगामा हुआ। पहले छात्रों का प्रदर्शन फिर वीसी और रजिस्ट्रार में तू तू मै – मैं। वजह थी एलडीसी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का ठीकरा सुखाडिया विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा एमडीएस विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दिवंगत विजय श्रीमाली के सर फोड़ना। हंगामा तब समाप्त हुआ जब सुखाडिया के कुलपति जेपी शर्मा ने फ़ाइल में विजय श्रीमाली पर लगाए आरोप को लेकर नोटिंग की।
आज सुबह से सुखाडिया विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन हंगामों का अखाड़ा बना रहा। कुलपति जेपी शर्मा द्वारा दिवंगत विजय श्रीमाली पर आरोप लगाने के बाद गुरुवार को सुबह बड़ी तादाद में श्रीमाली समाज के लोग और छात्र युनिवर्सिटी कैम्पस में इकट्ठा हो गए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सभी लोगों ने जमकर हंगामा करते हुए विश्वविद्यालय को बंद करवा दिया। प्रदर्षनकारियों ने वीसी जेपी शर्मा के पहुचने पर खासी फजीहत की और अपशब्द तक कह दिए। सभी का कहना था कि प्रोफेसर श्रीमाली अब इस दुनिया मे नही हैं और इन आरोपों का जवाब नही दे सकते। उनकी निष्ठाए ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता से समूचा मेवाड़ क्षेत्र परिचित है।
बाद जब प्रदर्शनकारी कुलपति के ऑफिस के अन्दर जवाब मांगने पहुचे तब उन्ही के सामने फ़ाइल में स्व. विजय श्रीमाली को जिम्मेदार ठहराने वाले नोट को लेकर वीसी जेपी शर्मा और रजिस्ट्रार हिम्मतसिंह भाटी एक दुसरे के आमने सामने हो गए। भाटी ने वीसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सब उन्ही का किया धरा है। यही नहीं सबके सामने भाटी ने वीसी को नॉनसेन्स तक कह दिया। वैसे रजिस्ट्रार भाटी ने अपनी पीड़ा बताते हुए यह भी कहा कि जिम्मेदारी तो मेरी रह जाती है कोर्ट में और उच्च स्तर पर जवाब मुझे देना पड़ता है। ऐसे में बिना अपराध के ही कटघरे में उन्हें खड़ा रहना पड़ता है।
गौरतलब है कि सुखाडिया विश्वविद्यालय की एलडीसी में भर्ती को लेकर काफी गड़बड़ियाँ सामने आई थी। जिसके बाद राज्यपाल कल्याण सिंह ने भर्ती पर रोक लगा रखी थी और प्रतापनगर थाने में एफ़ाइआर भी दर्ज करवाई गयी थी, जिसकी जांच चल रही थी। जब पुलिस ने विश्वविद्यालय से भर्ती प्रक्रिया के जिम्मेदारों की जानकारी मांगी तो कुलपति ने पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस और दिवंगत विजय श्रीमाली के नाम बता दिए और इस प्रक्रिया का जिम्मेदार बता दिया। इसी बात को लेकर आज हंगामा हुआ।
करीब चार घण्टों तक चली इस गहमागहमी और हंगामे के बाद आखिरकार वाईस चांसलर जेपी षर्मा को झुकना ही पड़ा और एलडीसी भर्ती की उस फाईल में जहां प्रोफेसर विजय श्रीमाली को कान्फिडेंषल कोर्डिनेटर बता कर गड़बड़ी का आरोपी ठहराया गया था उसी फाईल में नोटिंग करते हुए श्री शर्मा ने स्वर्गीय श्रीमाली को पेपर सेटिंग और प्रिन्टिंग सेटिंग से कोई रसूखात नहीं होने की बात दर्ज की तब कही जा कर मामला शांत हुआ।

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