युवा धर्म निरपेक्षता के मूल्यों को बनाये रखने व लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने में आगे आयें — राज्यपाल

उदयपुर, छात्र जीवन में दीक्षान्त समारोह को एक बडा मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह एक अवसर है कि प्रयास, समर्पण, समय और धैर्य के साथ एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने में गुजर गया। आप विश्वविद्यालय में बिताये गये खुशनुमा दिनों तथा आज के दिन को जीवन में याद करेंगे जो बाहर की दुनियां में आपकी भूमिका धैर्यपूर्वक निभाने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। यह विचार आज यहां महामहिम राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षान्त समारोह में अपने उद्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने विधिवत दीक्षान्त समारोह प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान की।

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राज्यपाल ने डिग्री और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अपनी ओर से खुशहाल भावी जीवन की शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि वे अर्जित ज्ञान का उपयोग कर सामाजिक, राजनैतिक, प्रशासनिक और व्यवसाय आदि क्षेत्र में दक्षता से कार्य कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने शिक्षा के महत्व के संदर्भ में नेल्सन मंडेला की उक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘शिक्षा सबसे बडा ताकतवर हथियार है जिसे आप दुनियां को बदलने के लिए उपयोग कर सकते हैं।’’

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित होकर युवा समाज का सेतु बनें तथा बहुलवाद, सामाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता के मूल्यों को बनाये रखने तथा हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए आगे आयें। जिले के आदिवासी क्षेत्र में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए युवाओं की भागीदारी बढाना चाहते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय से अपेक्षा की कि वह इस दिशा में आगे आयेगा।

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राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि राजस्थान के जनजाति क्षेत्र में हुए विकास से यह क्षेत्र नक्सलवादियों तथा अन्य समूहों के हाथों में नहीं है जो हिंसक आन्दोलनों के माध्यम से अन्याय और शोषण से लडने की तलाश में रहते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय कई मामलों में उन विश्वविद्यालयों से अग्रणी है जहां कई काम पहली बार किये जा रहे हैं। आज यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के नेटवर्क में शामिल हो गया है। इससे प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय के छात्रों को इस प्रकार तैयार कर रहा है जो वैश्विक रोजगार के बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

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राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों के लिए मोहनलाल सुखाड़िया चेयर की स्थापना की है जो आगे इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए गोल्डन जुबली रिसर्च अवार्ड प्रभावी अनुसंधान के लिए प्रेरित करेगा।

राज्यपाल ने वर्ष 2011 की परीक्षा में प्रथम स्थान पर रहे 36 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया। उन्होंने विज्ञान संकाय में 18, वाणिज्य संकाय में 15, सामाजिक विज्ञान में 12, मानविकी में 8, शिक्षा संकाय में 4, प्रबंध अध्ययन में 3 एवं विधि संकाय में 2 विद्यार्थियों को उपाधियों का वितरण किया। राज्यपाल ने अकादमिक प्रोसेशन के साथ दीक्षान्त समारोह हॉल में प्रवेश किया। समारोह का प्रारम्भ राष्ट्रीय गान के साथ शुरु हुआ। राज्यपाल का विश्वविद्यालय की ओर से स्वागत किया गया। विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने विभाग के स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों को आमंत्रित किया।

विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की अधिक संख्या को देखते हुए आशा जतायी कि आने वाले समय में महिलाओं का दबदबा रहेगा। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे ब$ढ रही हैं यह विकास के क्षेत्र में अच्छे सेकेत हैं। इस स्थिति को देखते हुए विचार आता है कि कहीं आने वाले समय में लडकों के लिए आरक्षण करना पडे।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आई.वी.त्रिवेदी ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस विश्वविद्यालय से चार संगटक महाविद्यालयों के अलावा 190 से अधिक अन्य महाविद्यालय सम्बद्घ हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हमने साहसिक खेलों के अन्तर्गत पर्वतारोहण प्रशिक्षण के लिए 13 लाख रुपये की लागत से रॉक-क्लाइम्बिंग वॉल का निर्माण कराया है। यह राज्य का पहला विश्वविद्यालय है जिसमें शिक्षकों की भर्ती का प्रथम चरण पूर्ण कर लिया गया है तथा यहां सूचना क्रान्ति और तकनीकी विकास के अनुरूप अपनी परीक्षा पद्घति को युक्तिसंगत और पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाये गये हैं। यह विश्वविद्यालय आदिवासी बाहुल दक्षिणी राजस्थान का सबसे ब$डा शिक्षा का केन्द्र है।

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कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में नैनो तकनीकी क्षेत्र में विस्तार के लिए नैनो तकनीकी केन्द्र की भी स्थापना की है। उन्होंने बताया कि इसी माह के अन्तिम सप्ताह में विश्वविद्यालय 38वां अखिल भारतीय समाजशास्त्री सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसमें देश-विदेश के 1500 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। संस्कृत विभाग द्वारा प्राचीन भारतीय आर्थिक चिन्तन विषय पर आगामी फरवरी माह में एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन भी किया जायेगा।

समारोह का संयोजन रजिस्ट्रार बी.एल.मंत्री ने किया। दीक्षान्त समारोह में जिला कलक्टर विकास एस. भाले, पुलिस अधीक्षक एचपी शर्मा सहित विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य, शिक्षक, गणमान्य नागरिक, जिला प्रशासन एवं अन्य विभागों के अधिकारी तथा मीडियाकर्मी मौजूद रहे।

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