उदयपुर। महाराणा भूपाल चिकित्सालय ऐसा लगता है बच्चा चुराने वालों के लिए एक अड्डा बन चुका है। और उस पर यह कि अस्पताल प्रशासन बजाय ऐसी घटना को लेकर चिंतित रहे बच्चे चुराने वालों को बचाने में लगा हुआ है। पुलिस से सीसी टीवी फुटेज छुपाये जारहे है। अब ऐसे में आखिर कोई कैसे इस अस्पताल पर और अस्पताल के स्टाफ पर भरोसा करे जबकि गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं होता। शनिवार हुई घटना को देख कर तो लगता है जैसे बच्चा चुराने में प्रशासन का भी हाथ है जिस तरह से अस्पताल प्रशासन ने सी सी टीवी कैमरे के फुटेज पुलिस से छुपाये जिस तरह से उसने आरोपी महिला के फुटेज तक जारी नहीं किये। यह एक बड़ा चिंता का विषय है। शनिवार की हम बात करें तो नतिया ताल, गोगुंदा निवासी गोपली बाई (30) पत्नी गोपाराम को शुक्रवार रात 10 बजे जनाना चिकित्सालय के इमोनाइजेशन कक्ष में भर्ती किया गया। चिकित्सालय लाते समय गर्भवती ने रोगी वाहन 108 में ही नवजात को जन्म दिया था। वार्ड में रात से ही खाली बेड पर अज्ञात महिला सोई हुई थी। उसने सुबह तक प्रसूता और परिजनों पर विश्वास बनाया। सुबह करीब 8.50 बजे पीडि़ता गोपली की सास पर्ची बनवाने जाते समय नवजात को अज्ञात महिला के सुपुर्द कर गई। मौका पाते ही वह नवजात को लेकर भाग निकली। इधर, सूचना पर हाथपोल थाना प्रभारी रवींद्र चारण एवं जाप्ता मौके पर पहुंचा और पड़ताल शुरू की। हद तो तब हो गयी जब एमबी हॉस्पिटल प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई आरोपित महिला के फुटेज को छिपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मजबूरी में हाथीपोल थाना पुलिस को फुटेज दी गई।
देर रात नवजात चुराने वाली महिला सेमारी की होने का मामला सामने आया है। उसका पति ट्रक ड्राइवर बताया जा रहा है। पुलिस ने बच्चा बरामद कर मां के सुपुर्द कर दिया। प्रारम्भिक पड़ताल में सामने आया कि नवजात को चुराने वाली महिला एमबी हॉस्पिटल में सेवारत किसी कर्मचारी की रिश्तेदार है।
जनाना चिकित्सालय में लगे सीसीटीवी कैमरे का सर्वर एमबी हॉस्पिटल के अधीन है। पुलिस को संबंधित महिला फुटेज में दिख भी गई। उसने गुलाबी रंग का राजपूती ड्रेस पहना हुआ था, लेकिन एमबी हॉस्पिटल प्रशासन पूरे मामले को दबाने में जुटा रहा। उन्होंने आरोपित महिला का फोटो तक जारी नहीं किया गया। पूर्व में होमगार्ड पर हमले से जुड़े करीब 10 वारदातों के फुटेज सर्वर से गायब मिले थे। आरोपित चोर महिला का वार्ड नंबर एक के बेड नंबर 14 पर भर्ती होना रजिस्टर में दर्ज नहीं था, हालांकि सुबह के समय भोजन रजिस्टर में उसने अपना नाम मनीषा पत्नी नरेंद्र लिखाया था। उसने वार्ड की अन्य महिलाओं को डूंगरपुर सहित अन्य जिलों की होने की बातें कही। सवाल उठ रहे हैं कि अनजान महिला का वार्ड में प्रवेश कैसे हुआ। नियुक्त स्टाफ ने भी संबंधित महिला से बेड पर सोने कैसे दिया।
हाथीपोल थाना पुलिस ने सीसी टीवी फुटेज के आधार पर नवजात को सेमारी से बरामद कर लिया है। नवजात मां तक सुरक्षित पहुंच चुका है। मामले में पुलिस की पड़ताल जारी है। कथित तौर पर आरोपितों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिसकी पुलिस ने देर रात तक पुष्टि नहीं की है।

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