CA 2013-02-06 12.09.44उदपुर बीजेपी सी ए प्रकोष्ठ ने प्रधान मंत्री , वित्त मंत्री तथा रिजर्व बेंक को ज्ञापन भेजकर बेंकों की ओडिट के लिए निर्धारित राशि को यथावत रखने की मांग की ।

ज्ञापन में बताया गया की वर्त्तमान में ६ करोड़ तक के ऋण देने वाले बेंकों का अंकेषण अनिवार्य हे परन्तु हाल ही में वित्त मंतारालय द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार यह सीमा बड़ा कर २० करोड़ कर दी गयी है । इस के अनुसार अब ६ करोड़ तक का ऋण देने वाले बैंक अंकेषण मुक्क्त हो गए है । प्रकोष्ठ का कहना है की सार्वजनिक बैंकों में जनता का पैसा लगा है तथा बेंकों के कार्य में मानवीय भूल स्वभाविक है । इसी परिस्थिति में ६ करोड़ तक के ऋण देने वाले बेंक द्वारा की गयी कोई भी त्रुटी अंकेषण के अभाव में उजागर नहीं हो पाएगी परिणाम स्वरुप जनता की गाड़े पसीने की कमाई भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जायेगी ।

प्रकोष्ठ ने ज्ञापन में अंकेषण की निर्धारित राशि ६ करोड़ ही रखने की मांग की।

 

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