उदयपुर। मेवाड़ के गौरव और सम्मान का सवाल है इसलिए मेवाड़ में पद्मावत फिल्म कहीं भी प्रदर्शित होने देने का प्रश्न

तनवीर सिंह कृष्णावत, संस्थापक सकल राजपूत महासभा

ही नहीं उठता. यह बात कही है सकल राजपूत महासभा मेवाड़ के संस्थापक तनवीर सिंह कृष्णावत ने . तनवीर सिंह ने साफ़ किया है पहले सिनेमा घरों के मालिक और मैनेजरों से पुरे सम्मान के साथ निवेदन करेगें कि 25 जनवरी को फिल्म प्रदर्शित नहीं करें . अगर कोई नहीं मानता है तो विकल्प खुले हुए है जिसका जिम्मेदार वह खुद होंगे .
संजय लीला भंसाली की रानी पद्मावती पर बनी फिल्म पद्मावत के खिलाफ राजपूत समाज सहित मेवाड़ के हर आम जन खड़ा हो गया है । सकल राजपूत महासभा ने भी बैठक कर पद्मावत फिल्म को मेवाड़ में कही भी नहीं प्रदर्शित किये जाने पर आवाज़ बुलंद की है वहीँ रानी पद्मावती के वंशज और पूर्व मेवाड़ राजघराने के सदस्य ने फिल्म रिलीज़ पर नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री व् मुख्यमंत्री को पात्र लिखा है । शहर के पुराने सिनेमा घर ने मेवाड़ के गौरव की बात कहते हुए सिनेमा में फिल्म प्रदर्शित नहीं करने का एलान किया है ।

विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज़ के लिए चाहे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देदिए हों लेकिन मेवाड़ के किसी सिनेमा घर में प्रदशित हो इसमें संशय है । करनी सेना पहले ही अपने उग्र रूप में प्रदर्शन नहीं किये जाने की चेतावनी दे दी है । सकल राजपुत महासभा मेवाड की भी शनिवार को संरक्षक तनवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई . बैठक में निर्णय लिया कि आगामी 25 जनवरी को संजय भंसाली द्वारा निर्मित फिल्म पद्मावत को किसी भी हाल में मेवाड की धरती पर रिलिज नही होने दी जायेगी। उन्होने कहा कि फिल्म का नाम बदलने से उसके पात्र एवं इतिहास को नही बदला जा सकता। पद्मिनी मेवाड ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश की आन-बान-शान की प्रतीक है। पद्मावती फिल्म के द्वारा किसी एक समाज ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतीय इतिहास को कलंकित किया जा रहा है। बैठक में देहात अध्यक्ष गोपाल सिंह डाॅ. घनश्याम सिंह भीण्डर, कृष्णकांत कुमावत, घनश्याम सिंह चुण्डावत,जितेन्द्र सिंह शक्तावत डाॅ. दिलिप सिंह चैहान, सोहन सिंह सिसोदिया, नजर सिंह, सुरेन्द्र सिंह सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।रानी पदमिनी के वंशज और मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य महेन्द्र सिंह मेवाड़ ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में मेवाड़ ने सीबीएफसी के चेयरमैन प्रसुन्न जोषी और फिल्म निर्माता सजंय लीला भंसाली के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नही होने पर रोष जताया है। मेवाड़ ने कहा है कि इस विवादित फिल्म को लेकर लोगांे की भावनाओं का मखौल उड़ाया जा रहा है जो कि बिल्कुल गलत है। मेवाड़ ने कहा कि इस फिल्म को लेकर शुरू से ही गलतियां होती आ रही है लेकिन सरकार ने इसे अभी तक गंभीर नही लिया है। मेवाड़ ने फिल्म निर्माताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस फिल्म को लेकर फिल्म निर्माता को जो धुन चढ़ी उसी आधार पर उसने इस फिल्म को बना दिया। उसके द्वारा किसी भी इतिहास कर या वंषजों से फिल्म के तथ्यों को लेकर नहीं पूछा गया। यही नहीं सरकार की एजेंसियों ने भी इसके खिलाफ कोई भी कड़ा कदम अब तक नहीं उठाया है। इसके अलावा सरकार द्वारा यह तक नहीं देखा गया कि सेंसर बोर्ड ने सही काम किया है या नहीं ।
शहर के पुराने सिनेमाघर अशोका के मेनेजर शेर आलम ने सिनेमा घर के बाहर नोटिस चस्पा करदिया है जिसमे साफ़ तौर पर लिखा गया है कि मेवाड़ के गौरव का सम्मान करते हुए अशोका सिनेमा पद्मावत फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा .

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