उदयपुर। गोगुन्दा प्रधान एवं बीडीओ विवाद के मामले में गुरुवार को प्रधान द्वारा सार्वजानिक रूप से माफ़ी मांगने के बाद मामला शांत हो गया। प्रधान की गिरफ्तारी को लेकर हड़ताल पर उतरे पंचायत समिति के अधिकारी और कर्मचारियों ने भी हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया है। विवाद को लेकर पिछले चार दिनों से जिले भर की पंचायत समितियों में काम प्रभावित हो रहा था।
गोगुन्दा प्रधान पुष्कर तेली को आखिर अफसर शाही के आगे झुकना पड़ा और अपने द्वारा किये गए दुर्वव्हार के लिए सार्वजानिक रूप से माफ़ी मांगनी पड़ी। गुरूवार को गोगुन्दा पंचायत समिति में ही गोगुन्दा प्रधान ने विकास अधिकारी मनहर विश्नोई के साथ गाली गलोच करने के मामले में पंचायत राजसंघ के पदाधिकारियों व विकास अधिकारी की मौजुदगी में अपनी गलती पर शर्मिंदा होते हुए माफी मांगी। इस दौरान प्रमोद सामर, जिला प्रमुख षान्तिलाल मेघवाल, तखत सिंह एसीओ जिला परिशद, सहित जिले भर के विकास अधिकारी मौजुद रहे।
इसी के साथ बीडीओ के समर्थन में पंचायत समिति कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त करवाई। माफ़ी के बाद हड़ताल पर गए विभाग के सभी कर्मचारी आखिरकार मान गए हैं। यह समझौता इसलिए भी माना जा रहा है कि सालों से इस क्षेत्र में कांग्रेस का राज रहा है और इस बार बमुष्किल से भाजपा काबिज हुई है, कहीं ऐसा न हो कि फिर से साख गिर पड़े। बीडीओ और प्रधान के इस विवाद की वजह से जिलेभर की पंचायत समितियां प्रभावित हुई थी। गोगुन्दा प्रधान पुश्कर तेली ने बीडियो मनहर विष्नोई से अभद्रता की थी और इसके विरोध में सभी कर्मचारी लामबंद हो गए। एक तरफ जहां प्रधान के समर्थन भारतीय जनता पार्टी खड़ी रहीं, वहीं बीडीयो के समर्थन में अफसरशाही आ गई,वहीं कांग्रेस ने भी प्रधान को खूब आड़े हाथो लिया। करीब एक माह से यह विवाद इतना घहरा गया कि सारी की सारी पंचायते प्रभावित होने लगी। ऐसे में जिले की भारतीय जनता पार्टी में सबसे लोकप्रिय आनंदमयी गैंग ” प्रमोद सामर, तखत सिंह व् शांतिलाल मेघवाल को को न चाहते हुए भी सक्रिय होना पड़ा और इतने दिनों से अडिग प्रधान पुश्कर तेली को सार्वजनिक रूप से आखिरकार झुकना ही पड़ा।
 आखिकार अपनी सरकार होते हुए भी अफसरषाहों को झुकना पड़ा। प्रधान ने अभद्रता की या नहीं, बीडीओ की बात में कितनी सच्चाई है। यह तो भूत के गर्भ में ही छिपा है कि आखिरकार उस दिन हुआ क्या था, लेकिन प्रधान पुश्कर तेली की सार्वजनिक रूप से माफी साबित करती है कि कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी को लग गया था कि ऐसा नहीं किया तो हार निष्चित है और यही वजह रही कि आनंदमई गैंग ने सक्रियता रखते हुए प्रधान को अफसरषाही के सामने झुका ही दिया।
Previous articleफतहसागर की पहाड़ी पर कब्जेदारों ने की चोरी पर सीनाजोरी, युआईटी की सम्पत्ति को पंहुचाया नुकसान, कर्मचारियों पर फेंके पत्थर
Next articleZinc Deficiency in Humans affecting Immune System

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here