प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित तलाशी लेने वाले चुनाव पर्यवेक्षक मोहम्मद मोहसिन को निलंबित करने की घटना पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने सवाल खड़ा किया है.

कुरैशी ने ट्वीट कर कहा है, ‘ओडिशा में प्रधानमंत्री मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले पर्यवेक्षक का निलंबन न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि हमने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री जैसी संवैधानिक संस्थाओं की छवि सुधारने का बढ़िया मौका भी गंवा दिया है. दोनों संस्थाओं की जनता के प्रति जवाबदेही है. प्रधानमंत्री मोदी लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और चुनाव आयोग हर बार इसे नजरअंदाज कर रहा है.’

एसवाई कुरैशी ने कहा, ‘कानून सभी पर लागू होता है, चाहे वह प्रधानमंत्री हो या आम नागरिक. अगर हेलीकॉप्टर की जांच करने के मामले में कार्रवाई नहीं की जाती तो इससे चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री जैसी संस्थाओं की जा रही निंदा रुक जाती, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ. अब दोनों संस्थाओं की निंदा की जा रही है.’

उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के हेलीकॉप्टर की जांच की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘नवीन पटनायक की आंखों के सामने चुनाव आयोग की टीम ने उनके हेलीकॉप्टर की जांच की. पटनायक ने इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया देने के बजाय इसका सम्मान किया. वह असल में नेता हैं और हमें ऐसे ही नेताओं की जरूरत है.’

गौरतलब है कि ओडिशा के सम्बलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने के लिए चुनाव आयोग ने ओडिशा के सामान्य पर्यवेक्षक को निलंबित कर दिया था.

आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े चुनाव आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि सम्बलपुर में प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच करना चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था. एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट प्राप्त होती है.

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