राहुल की नयी टीम में गहलोत, रघुवीर तो क्या सीपी जोशी राजस्थान देखेगें या ,….

Date:

उदयपुर विधानसभा चुनाव के पहले राहुल ने अपनी टीम घोषित की और मेवाड़ में कांग्रेस की राजनीति में रातों रात भूचाल आगया। उत्साह और इस तरह का भूचाल आना लाज़मी भी है क्यूँ की मेवाड़ के कांग्रेसी नेता रघुवीर मीना को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सबसे बड़ी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में शामिल किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद रघुवीर मीना ही इसे है जो मेवाड़ से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में शामिल हुए है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली खबर यह है कि मेवाड़ के ही कद्दावर नेता सीपी जोशी को दरकिनार कर दिया गया। जानकार कहते है की सीपी जोशी को अब राजस्थान का कार्यभार सौंपा जाएगा लेकिन इसका अंदेशा अभी दूर दूर तक दिखाई नहीं देता। सीपी जोशी के समर्थकों में एक तरह की उदासी भी है वहीँ गहलोत और रघुवीर के समर्थकों का उत्साह देखते बनता है।
उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा के के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नजदीक दिल्ली ले जाने को लेकर मेवाड़ की 28 विधानसभा सीटों की गणित भी शामिल है, इनमें से कई सीटें आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में आती है और कांग्रेस चाहती है कि भाजपा के कदवर नेताओं की तरह पार्टी का भी कोई मजबूत नेता हो और उसी सोच से रघु के नाम को आगे किया गया, रघु पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी नजदीक है और उनका भी इसमें बड़ा रोल है। इधर इसी कमेटी में से मेवाड़ से आने वाले सीपी जोशी का नाम काटने पर उनके समर्थकों में चर्चा शुरू हो गई कि साहब के नाम से प्रसिद्ध सीपी जोशी को राजस्थान भेजने की यह कवायद् है। कांग्रेस के अंदर एक बड़े धड़े में इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि सीपी जोशी को राजस्थान की चुनाव अभियान की जिम्मेदारी सौंपी जाने वाली है, इसलिए उनको इस कमेटी में नहीं लिया गया। सीपी विरोधी नेताओं में रात को ये थी कि कई राज्यों से प्रभार वापस लेने के बाद अब इस कमेटी से भी सीपी की छूट्टी कर दी गई है और गहलोत का शक्ति केन्द्र बढ़ा है
राहुल की गणित अशोक-सचिन-सीपी वैसे राहुल गांधी की ओर से विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी गणित राजस्थान में तैयार की जा रही है। इसमें यह पूरा जोर दिया जा रहा है कि राजस्थान के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सीपी जोशी व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाए। उनकी सोच है कि मुख्यमंत्री के नाम और अलग-अलग गुटों में पार्टी और उसका कार्यकर्ता नहीं बंटे इसके लिए तीनों को बेहतर जिम्मेदारी दे दी जाए ताकि पार्टी को जीत में बड़ी मदद मिलेगी।
रघुवीर की नियुक्ति के मायने
फायदे – रघुवीर का दखल मेवाड़ में बढ़ेगा, विधानसभा चुनाव में टिकट में भी उनकी चलेगी, पार्टी में उनका कद बढ़ा।
नुकसान – अब ज्यादातर समय पार्टी के लिए देना होगा स्थानीय दौरों की बजाय दिल्ली में ज्यादा रहना होगा सलूंबर क्षेत्र से जमीनी पकड़ कमजोर होगी।
एक परिचय रघुवीर का- बीए पास रघु सबसे पहले यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और उसके बाद वे 1993 में विधायक बने। इसके बाद 2002 में राज्य में मंत्री बने। 2009 में सांसद बने। वे संसदीय समितियों में भी रहे और कांग्रेस में कई बड़े पदों पर काम कर चुके है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Наука победы: инсайты от экспертов 1win

Наука победы: инсайты от экспертов 1winПонимание науки победы —...

Le più vantaggiose offerte di benvenuto Crazy Time per casinò italiani

Le più vantaggiose offerte di benvenuto Crazy Time per...

Better £ten Put Incentive Gambling enterprises in the united kingdom to possess 2025

ContentPut $10 Added bonus Casinos Number – Up-to-date January...

SportPesa Mega Jackpot anticipate Free 17 per week predictions

Spread out are portrayed by the an excellent fairy,...