भाईसाहब होगें उदयपुर शहर भाजपा के दावेदार या सोशल मीडिया वीर मारेगें तीर। शहर को चाहिए आज़ादी तो क्या भाईसाहब का कार्यकाल था गुलामी ?

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उदयपुर। शहर में विधानसभा चुनाव को लेकर रोज़ नयी नयी बातें नए नए विवाद और नए नए लोग सामने आरहे है। हुए इन सारे उठापटक में इस बार सबसे ज्यादा मुश्किलें बढ़ रही है तो वह है शहर के भाईसाहब गुलाबचंद कटारिया कि। उदयपुर शहर भाजपा में हर रोज़ भाईसाहब के विरोध में कोई न कोई खड़ा हो जाता है अगर कोई खड़ा नहीं होता तो उनका कोई ऐसा बयान सोशल मिडिया और अख़बारों में आजाता है जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती जाती है। यही नहीं सोशल मीडिया के एक वीर ने तो भाईसाब के १० साल के कार्यकाल को शहर की गुलामी बता शहर को आज़ादी दिलाने की बात तक कर दी और पोस्टर मेसेज वायरल कर दिए।
जहाँ एक तरफ माना जारहा है की उदयपुर शहर से कटारिया के अलावा कोई प्रत्याशी हो ही नहीं सकता वहीँ दूसरी और उनके खिलाफ उन्ही की पार्टी के लोग विरोध करने और उनके खिलाफ चुनाव में प्रत्याशी तक खड़ा करने के लिए तैयार बैठे है।
इधर कार्यकर्ता उनसे हर मीटिंग और बैठक में कार्य नहीं होने का हवाला देते है तो भाईसाहब अपने वही पुराने तेवर में कह देते है करोड़ों के काम करवा दिए और छोटे-छोटे काम नहीं होने की बात लेकर बैठे हो। नाराज़गी जताते हुए कहते है पब्लिक में ऐसा बोलोगे तो डूब जाएंगे। हाल ही में शहरी विधानसभा में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मेलन में कटारिया ने कहा कि काम नहीं होने की बातें उस समय बोल रहे हो, जब आचार संहिता लग चुकी है। अब बोलने से कुछ होगा भी नहीं। पत्थर उछाल कर सिर नीचे लाने से क्या फायदा। कटारिया ने बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम को सक्रिय करने पर जोर दिया। कहा कि पन्ना प्रमुख इसे लेकर सक्रिय रहें कि ज्यादा से ज्यादा मतदाता मतदान करने आएं।

चलिए खैर अब चुनाव है ऐसी बातें होती रहेगी फिलहाल हमारी ही नहीं पुरे शहर की नज़रें है कि इस बार भाजपा से किसको टिकिट मिलेगा। टिकिट को लेकर सोशल मिडिया पर जोरदार जंग चल रही है। सुबह से देर रात तक चाहे फेसबुक हो या व्हाट्सप्प वहां पर बीसियों उम्मीदवारों को शहर का नेता बना कर टिकिट की मांग की जा रही है। संगठन किसको टिकिट देता है यह अलग बात है लेकिन हर एक नेता की कोशिश लगातार जारी है। कुछ इस कोशिश से चार कदम आगे भी चल रहे है यहाँ तक की पार्टी और संगठन से ऊपर उठ कर उदयपुर शहरी विधानसभा से टिकिट की मांग कर रहे है। सोशल मीडिया और अपने चार छह सामजिक कार्यों के बुते पर टिकिट मांग रहे है यही नहीं उदयपुर का अगला विधायक होने का दावा करते हुए कई जगेह शहर में पोस्टर तक लगवा दिए है। आये दिन प्रेस वार्ता आयोजित कर बड़े बड़े वादे और दावे किये जारहे है यहाँ तक की भाजपा से टिकिट माँगा जा रहा है और भाजपा के ही १० साल के कार्यकाल यानी गुलाबचंद कटारिया के कार्यकाल को गुलामी का कार्यकाल बता कर उससे आज़ादी की मांग कर रहे है। ऐसा लगता है मानो जो भाजपा के नेता बरसों से पार्टी की सेवा करते आरहे है वह तो मुँह ताकते रह जायेगें और ये सोशल मीडिया वीर भाजपा का टिकिट लेकर चुनाव जीत जायेगें उन्होंने तो हज़ारों वोट से जीत जाने का दावा भी कर दिया है। ऐसे में इन सोशल मीडिया के वीरों से जमीन से जुड़े नेता किस तरह से पार पायेगें यह देखने की बात है।
और भाजपा के विधायक को ही गुलामी का कार्यकाल बता कर शहर की आज़ादी के नाम पर भाजपा से टिकिट मनगना पार्टी के आलाकमान को कितना भाति है यह देखने वाली बात होगी।
देखते रहिये आप भी और हम भी।

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