राजस्थान में भाजपा का करिश्मा, 162 सीटें जीतकर रचा इतिहास

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उदयपुर . राजस्थान में भाजपा का करिश्मा ऎसा चलेगा ऎसा तो खुद भारतीय जनता ने नहीं सोचा होगा। प्रदेश की जनता ने एकपक्षीय बहुमत उनके हाथ में सौंप दिया है। कांग्रेस के अशोक गहलोत सरकार की ओर से किए गए तमाम विकास के दावों को नकारते हुए प्रदेश में 5 वर्ष बाद फिर कमल को खिला दिया। भाजपा ने वर्ष 1998 के रिकॉर्ड को तोड़कर 161 सीटों पर जीत दर्ज की और राज्य के चुनावी इतिहास में नाम दर्ज करा दिया।

प्रदेश की जनता ने इस नतीजे के बाद अपनी “रणनीति” को भी स्पष्ट कर दिया कि वे हर 5 साल में नई सरकार को अवसर देना चाहते हैं। वर्ष 1998 में भाजपा को हटाकर प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के हाथों में जनादेश सौंपा था। इसके बाद से यह तीसरा चुनाव है जिसमें प्रदेशवासियों ने भाजपा और कांग्रेस की सरकार को एक के बाद एक करके मौका दिया है।

प्रदेश में मतगणना के दौरान प्राप्त हुए अब तक के नतीजों को देखें तो भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल कर दिया है। 198 सीटों के शाम 4.30 बजे तक आए परिणामों में भाजपा ने 161 सीटों अपना कब्जा जमाया। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटें मिलीं। 16 सीटें अन्य के खाते में गई, इनमें किरोड़ी लाल मीणा की पार्टी राजपा को 4, बसपा को 3 और 9 सीटें निर्दलीयों के खाते में गए हैं। सिर्फ एक सीट का परिणाम बाकी है। इस पर राजपा बढ़त बनाने हुए है।

54 सीटों पर अब भी भाजपा के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। ऎसे में यह भी साफ दिख रहा है कि भाजपा के खाते में कितनी सीटें और आ सकती हैं। प्रदेश की जनता ने इस बार प्रदेश में रिकॉर्ड 75.20 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके पीछे मतदाता जागरूकता अभियान को बड़ा कारण माना गया। वहीं जनता ने भी अपने मतदान से साबित किया कि वे परिवर्तन चाहते हैं।

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आम चुनाव पर पड़ेगा सीधा असर

भाजपा की इस जीत से आम चुनाव के लिए उत्साह दोगुना होगा। साथ ही चुनाव के दौरान पार्टी के उठाए गए मुद्दे भी सही साबित हुए। राजस्थान में भाजपा की लहर का बड़ा फायदा नरेंद्र मोदी को भी मिलेगा। वहीं वसुंधरा राजे की पार्टी में छवि और दमदार क्षत्रप के रूप में स्थापित होगी।

ये रहे चुनावी मुद्दे

कांग्रेस सरकार नि:शुल्क दवा, जांच, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रों को लैपटॉप जैसी लोकलुभावन योजनाओं के दम पर चुनाव मैदान में उतरी थी। वहीं, भाजपा ने कानून व्यवस्था और गवर्नेस को मुद्दा बना चुनाव लड़ा है।

राजपा फैक्टर की निकली हवा

कांग्रेस व भाजपा के बागियों को पनाह देने वाले सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पार्टी राजपा का हश्र इस चुनाव में काफी बुरा हुआ। प्रदेश में 150 उम्मीदवारों को उतारने वाली इस पार्टी को प्रदेश की जनता ने नकार दिया। अलग फैक्टर के रूप में देखे जाने वाले सभी अनुमान जनता ने खारिज कर दिए।

भाजपा के इन उम्मीदवारों को मिला जनता का आशीर्वाद

डॉं फूलचन्द भिंडा-विराटनगर
बहादुर सिंह कोली-वैर
गुरजंट सिंह-
सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी-करणपुर
शिमला बावरी-पीलीबंगा
कृष्ण कड़वा-
डॉ. राम प्रताप-हनुमानगढ़
द्रोपदी मेघवाल-पीलीबंगा
अभिषेक मटोरिया-नोहर
गोपाल जोशी-बीकानरे पश्चिम
सिद्धि कुमारी-बीकानेर पूर्व
जय नारायण पुनिया-तारानगर
राजकुमार रिणवा-रतनगढ़
खेमाराम मेघवाल-सुजानगढ्
गोरधन-धोद
रतन जलधारी-सीकर
प्रेम सिंह बाजौर-नीम का थाना
झाबर सिंह खर्रा-श्रीमाधोपुर
रामलाल शर्मा-चौमूं
प्रेम चंद बैरवा -दूदू
नरपत सिंह राजवी-विद्याधर नगर
अरूण चतुर्वेदी-सिविल लाइंस
मोहन लाल गुप्ता -किशनपोल
कालीचरण सराफ-मालवीय नगर
कैलाश वर्मा-बगरू
लक्ष्मीनारायण बैरवा-चाकसू
ममन सिंह-तिजारा
धर्मपाल-मुंडावर
जयराम जाटव-अलवर ग्रामीण
जगत सिंह-कामां
अनिता गुर्जर-नगर
बहादुर सिंह-वैर
बच्चू सिंह बंशीवाल-बयाना
जितेन्द्र गोठवाल-खंडार
कन्हैया लाल-मालपुरा
अजीत मेहता-टोंक
राजेन्द्र गुर्जर-देवली-उनियारा
भागीरथ चौधरी-किशनगढ़
वासुदेव देवनानी-अजमेर
अनिता भदेल-अजमेर दक्षिण
शंकरसिंह-ब्यावर
शत्रुघ्न गौतम-केकड़ी
सुखराम नेतडिया-मेड़ता
विजय सिंह चौधरी-नावां
सुरेन्द्र गोयल-जैतारण
संजना आगरी-सोजत
ज्ञानप्रकाश पारख-पाली
मदन राठौड़-सुमेरपुर
भैरा राम-ओसियां
कैलाश भंसाली-जोधपुर शहर
सूर्यकांता व्यास-सूरसागर
जोगाराम पटेल-लूणी
छोटूसिंह-जैसलमेर
शैतानसिंह-पोकरण
मानवेन्द्र सिंह-शिव
कैलाश चौधरी-बायतू
हमीर सिंह-सिवाना
शंकर सिंह राजपुरोहित-आहौर
अमृता मेघवाल-जालौर
नारायणसिंह देवल-रानीवाड़ा
समाराम-आबू-पिंडवाड़ा
जगसीराम-रेवदर
गुलाबचंद कटारिया-उदयपुर शहर
दली चंद डांगी-मावली
अमृत लाल मीणा-सलूम्बर
गौतम मीणा-धरियावद
देवेन्द्र कटारा-डूंगरपुर
गोपीचंद मीणा-आसपुर
सुशील कटारा-चौरासी
नवनीत निनामा-घाटोल
अर्जुन लाल जीनगर-कपासन
श्रीचंद कृपलानी-निंबाहेड़ा
गौतम-बड़ी सादड़ी
नंदलाल मीणा-प्रतापगढ़
किरण माहेश्वरी-राजसमंद
रामलाल गुर्जर-आसींद
कालूलाल गुर्जर-मांडल
बालूराम जाट-सहाड़ा
विट्ठलशंकर अवस्थी-भीलवाड़ा
कीर्ति कुमारी-मांडलगढ़
विद्याशंकर नन्दवाला
हीरालाल नागर-सांगोद
प्रहलाद गुंजल-कोटा दक्षिण
भवानीसिंह राजावत-लाडपुरा
चंद्रकांता मेघवाल-रामगंजमंडी
प्रभुलाल सैनी-अंता
रामपाल मेघवाल-हनुमानगढ़
प्रताप सिंह सिंघवी-छबड़ा
वसुंधरा राजे-झालरापाटन
मनोहर सिंह-लाडनूं
भवानीसिंह राजावत-लाडपुरा

कांग्रेस
अशोक चांदना-बूंदी
हीरालाल डह्वारंगी-
मेवाराम जैन-बाड़मेर
महेंद्र सिंह-बागीदौरा
प्रद्धुमन सिंह-राजाखेड़ा
गिर्राज सिंह मलिंगा-बाड़ी
शकुंतला रह्वाव-बानसूर
गोविंद सिंह डोटासरा-लक्ष्मणगढ़
भंवरलाल शर्मा-सरदारशहर
सुरेन्द्र बामणिया-सागवाड़ा
राजेन्द्र यादव-कोटपूतली
सुखराम विश्नोई-सांचौर
अशोक गहलोत-सरदारपुरा

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