राज्य सरकार ने दिया जनता को जोर का झटका गुप चुप तरीके से – गरीब की जेब से निकाला जाएगा रुपया .

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पोस्ट न्यूज़। ना तो केंद्र सरकार ना ही राज्य सरकार आम जनता पर कोई रहम खाती है। मंहगाई से गरीबों की कमर पहले से टूटी हुई है अब उस पर और ज्यादा भार डाला चुका है जिसकी किसी को कानो कान कोई खबर नहीं। जी हाँ बिलकुल ठीक सूना आपने, ज्यादातर गरीब लोग रसोई गैस नहीं और केरोसिन इस्तेमाल करते है और राज्य की सरकार ने गुपचुप तरीके से १५ दिन के अंदर ही तीन बार कैरोसिन के दाम बढ़ा दिए है।
केरोसिन के दाम बढ़ाने के इस कदम का विरोध विपक्षी दाल कांग्रेस ही नहीं आम आदमी भी कर रहा है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव वेदप्रकाश सोलंकी ने बताया कि केंद्र सरकार रोजाना पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाकर लोगों की कमर तोड़ रही है, वहीं अब प्रदेश में विगत 15 दिन के अंदर 3 बार केरोसिन के दाम बढ़ाकर गरीबों पर बोझ डाल दिया है। प्रदेश में गरीब लोग जिनके पास गैस नहीं है वो ईंधन के रूप केरोसिन का उपयोग करते हैं इसलिए सरकार को सोच-विचार कर तेल की कीमतों में कमी करना चाहिए। गौरतलब है कि जून 2017 में जनता को केरोसिन 20 रुपए लीटर मिलता था जो अक्टूबर 2017 में 25 रुपए 20 पैसे मिलने लगा। वहीं 23 जनवरी 2018 में इसके दामों में 50 पैसे की बढ़ोतरी की और अब सरकार 8 फ रवरी 2018 को 30 पैसे लीटर की बढ़ोतरी की है और 16 फ रवरी को 20 पैसे लीटर दाम बढ़ा दिए हैं। अब जनता को यह फरवरी से 26 रुपए लीटर की बढ़ी हुई दर से मिलेगा।
मालूम हाे कि देश के सभी जिलों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत फरवरी के लिए कुल 13,260 किलो लीटर केरोसीन का आवंटन किया गया है। इसके तहत बिना घरेलू गैस कनेक्शन वाले राशनकार्डधारी उपभोक्ता को प्रति राशनकार्ड 2.50 लीटर केरोसीन का वितरण करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की शासन सचिव मुग्धा सिन्हा ने इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए सभी जिला रसद अधिकारियों को यह निर्देशित किया है कि संबंधित जिले के रसद अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिले को आवंटित केरोसीन तेल की संपूर्ण मात्रा का उठाव उनकी तरफ से कर लिया गया है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करें कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र उपभोक्ताओं को प्रति राशन कार्ड बराबर मात्रा में केरोसीन प्राप्त हो।
शासन सचिव ने दिए निर्देश दिए कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिलों को आवंटित हुए केरोसीन में से औद्योगिक इकाइयों को कोई आवंटन नहीं दिया जाए। साथ ही, व्यापक प्रचार-प्रसार करके यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नीले केरोसीन का उपयोग खाना पकाने व प्रकाश व्यवस्था के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लिया जाए और यदि नीले केरोसीन का दुरुपयोग करते हुए कोई पकड़ा जाए तो उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।

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