सरकार के “संपर्क” पोर्टल पर सबसे अधिक शिकायत उदयपुर से की गयी लेकिन निस्तारण ?

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न्यूज़ पोस्ट जयपुर. सरकार के संपर्क पोर्टल पर सबसे अधिक शिकायत करने वालों में उदयपुर वासी प्रदेश भर में सबसे जागरूक दिखाई डे रहे है . पोर्टल पर दिए गए आंकड़ों को माने तो समस्याओं का निर्स्तारण भी सबसे अधिक उदयपुर में ही किया गया है . लेकिन जमीनी स्तर पर इसका निस्तारण हुआ है या नहीं इसकी आशा कम ही है . संपर्क पोर्टल पर शिकायत करने वाले करीब 18 लोगों से हमने बात की जिसमे से १५ 12 लोगों का कहना है कि उनकी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है .

dainik भास्कर अखबार में छापी एक खबर के अनुसार भी राजस्थानसंपर्क पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के मामले में उदयपुर जिला टॉप पर है। इस जिले से सबसे अधिक शिकायतें दर्ज हुईं। दूसरा नंबर जयपुर का है। पिछले चार साल का रिकॉर्ड देखें तो सामने आता है कि पोर्टल पर रोज करीब 300 शिकायतें दर्ज हो रही हैं। अब तक इस पोर्टल पर 13 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हो गई हैं। इनमें से 62 हजार के करीब शिकायतों का निपटारा बाकी है। जन अभाव अभियोग निराकरण विभाग ने अन्य शिकायतें निपटाने का दावा किया है। सबसे अधिक शिकायतें भी उन विभागों से संबंधित होती हैं, जो सीधे तौर पर जनता से जुड़े हैं। राजस्थान सरकार ने लोगों की परेशानी और शिकायतों के घर बैठे निस्तारण के लिए राजस्थान संपर्क पोर्टल की शुरूआत की थी। कोई भी आम आदमी किसी कार्यालय में गए बिना इस पोर्टल के जरिए घर बैठे ही अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। वर्तमान में इसके साथ ही सरकार ने सिटीजन कॉल सेंटर 181 भी शुरू कर दिया है। इसमें फोन के जरिए भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यहां प्राप्त होने वाली शिकायतों की पूरी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री स्तर पर होती है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 2013 से लेकर 30 जून 2017 तक इस पोर्टल पर 13,64,351 शिकायते दर्ज की गई। इसके हिसाब से अनुमान लगाया जाए तो रोजाना 310 शिकायतें पोर्टल पर रही है। इनमें से 13,01,536 शिकायतों के निस्तारण का दावा किया गया है और 62815 शिकायतें लंबित है। यहां आने वाली शिकायतों को आजकल संबंधित विभाग में भेजा जाता है और उनके निस्तारण की तिथि भी साथ में अंकित होती है। संबंधित विभाग को उस तिथि तक संबंधित शिकायत का निस्तारण करके संपर्क पोर्टल पर इसकी सूचना देनी होती है।
पंचायतीराज से संबंधित शिकायतें होती हैं सर्वाधिक
सबसेअधिक शिकायतें पंचायतीराज विभाग से जुड़ी हैं। इनमें जमीन संबंधित विवाद, ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं का लाभ नहीं मिलने, पंच-सरपंचों की शिकायतें प्रमुख हैं। एफआईआर दर्ज नहीं करने और एफआईआर पर कार्रवाई नहीं करने की भी शिकायतें रही हैं। इसके अलावा पानी की सुविधा नहीं होने, बिजली की सुविधा नहीं होने, सड़क नहीं बनने और टूटी सड़क की समय पर मरम्मत हीं होने की शिकायतें भी खूब पहुंचीं हैं। ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में शिक्षकों की कमी, शिक्षकों के समय पर नहीं आने, तबादले कराने से लेकर खाद्य विभाग की राशन की दुकान पर समय पर खाद्य सामग्री नहीं मिलने जैसी शिकायतें भी बड़ी संख्या में मिलीं।

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