IMG_2773उदयपुर, देश.दुनिया और समाज में जिस तेजी से बदलाव हो रहा है उस हिसाब से महिलाओं के प्रति लोगों के नजरिए मानसिकता और सोच में बदलाव नहीं हो रहा है। हम आज भी उसी पुरानी सोच और परंपरा की बात करते हैं जिस सोच और परंपरा को कट्टरपंथी और समाज के तथाकथित ठेकेदार अपनी बातों को महिलाओं पर लादने की कोशिश करते रहे हैं यह बात राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो एस एस सारंगदेवोत ने साकरोदा में श्रय जनभारती केंद्र पर आयोजित 21 सदी में महिला और समाज तथा महिला नेतृत्व समता पर आयोजित सेमिनार में कही अद्यक्षता करते डॉ ललित पांडये ने महिलाओ को शिक्षा के साथ स्व रोजगार से जोडऩा जरुरी है कर्यक्रम में केद्रीय श्रमिक बोर्ड के सुधीर वाडिवा ने कहा की समाज में एक सोच के अनुसार पूरी तरह पाश्चात्यता अथवा अत्याधुनिकता को अपनाना ही सशक्तीकरण है

सोच बदलनी होगी- प्रो एस एस सारंगदेवोत ने कहा महिला सशक्तिकरण पर सरकार को जोर देना चाहिए। लडक़े.लड़कियों में भेदभाव खत्म करने के लिए समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है। सरकार व पुलिस को महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। सेमिनार में डॉ मंजू माडोत डॉ संजीव राज पुरोहित ने भी विचार रखे संचालन प्रभारी राकेश दादीच ने किया सेमिनार में 10 गावो की 110 महिलाओ ने भाग लिया

 

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