कश्मीर चाहिए कश्मीरी नहीं, क्या ऐसा हो सकता है ?

Date:

160726133435_kashmiri_youth_pic_640x360_ap_nocredit

भारत प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन के सशस्त्र कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हुए विरोध और प्रदर्शनों के दौरान 50 से अधिक कश्मीरी युवक सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा चुके हैं.

इन प्रदर्शनों में दो हज़ार से अधिक लोग घायल भी हुए हैं. इनमें सबसे दर्दनाक हालत उन लोगों की है जिनकी आँखों और चेहरे पर लोहे के छर्रे लगे हैं. अस्पताल घायल मरीज़ोें से अभी भी भरे पड़े हैं.

कश्मीरी महिलाएंImage copyrightAFP

सुरक्षा बलों के हाथों इतनी बड़ी संख्या में कश्मीरी युवाओं की मौत पर भारत में चुप्पी है. कुछ समाचार पत्रों में कुछ संपादकीय और लेख ज़रूर प्रकाशित हुए हैं जिनमें सुरक्षा बलों की ज़्यादतियों का कुछ उल्लेख हुआ है.

कश्मीर के संबंध में अधिकांश टीवी चैनल आक्रामक राष्ट्रवाद से भरा नज़रिया अपनाते हैं. उनकी चर्चाओं में कश्मीरी युवकों की मौत महत्वपूर्ण खबर नहीं बनती बल्कि उनका ध्यान इस पहलू पर केंद्रित दिखा कि सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए सभी युवा एक आतंकवादी के समर्थन में बाहर निकले थे.

सोशल मीडिया पर बहुत बड़ी संख्या में ऐसे संदेश घूम रहे हैं जिनमें प्रदर्शन करने वाले कश्मीरी युवाओं को देशद्रोही कहा गया है और उनकी मौत को सही ठहराया गया है.

Image copyrightAP

दरअसल कश्मीर एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां भारत सरकार और कश्मीर घाटी के अवाम के बीच संवाद पूरी तरह टूटा हुआ है. कश्मीर में प्रदर्शन, सभाएं, बैठकें और विरोध और प्रतिरोध के हर लोकतांत्रिक तरीके पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

कश्मीरी अलगाववादियों की सभी गतिविधियों पर भी अंकुश लगा हुआ है. भारत – पाक कंट्रोल लाइन पर बेहतर चौकसी और पाकिस्तान की नीतियों में बदलाव के कारण चरमपंथी गतिविधियों और सशस्त्र संघर्ष के रास्ते काफ़ी हद तक बंद हो चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिससे यह पता चल सके कि कश्मीर के बारे में उनकी सरकार की नीति क्या है. इन से पहले मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान भी यही हालत थी.

Image copyrightEPA

अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा किसी भी नेता ने कश्मीर के मसले को हल करने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की. लेकिन मोदी सरकार ने साफ़ किया है वो अलगाववादियों से हरगिज बात नहीं करेगी.

केंद्र में भाजपा की एक राष्ट्रवादी सरकार है. कश्मीर में भी भाजपा का शासन है. ये सभी को पता है कि कश्मीर समस्या का समाधान पाकिस्तान से संबंध बेहतर करने में निहित है लेकिन दस साल तक मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान से संबंध बेहतर करने के लिए कुछ नहीं किया.

पिछले दो साल में जो कुछ संबंध बचे थे वह भी खत्म हो गए. पिछले 15-20 साल यूं ही बर्बाद किए गए. इस अवधि में कश्मीर में एक नई पीढ़ी ने किशोरावस्था की दहलीज पर क़दम रखा है. निराशा और बेबसी उनकी सोच और समझ पर हावी हो चुकी है.

Image copyrightAP

केंद्र और राज्य सरकारों ने बीते हुए वर्षों में ऐसा कुछ भी नहीं किया कि वह उन पर तिनका भर भी विश्वास कर सकें. पिछले 70 साल घाटी की जनता भारत से कभी भी इतना आक्रोशित और आशंकित नहीं हुई, जितना इतिहास की इस मंजिल पर हैं.

भारत में कश्मीरियों के लिए किसी तरह के सहानुभूति के भाव नहीं है. भारत की नई राष्ट्रवादी पीढ़ी के लिए कश्मीरी युवा आतंकवादी, अलगाववादी, पाकिस्तान समर्थक और देश दुश्मन से ज़्यादा कुछ नहीं हैं. उनके मरने, अंधे और अपाहिज होने से यहां सहानुभूति के भाव पैदा नहीं होते. बल्कि कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए सुरक्षा बलों की प्रशंसा होती है.

Image copyrightAP

यह एक पूर्ण गतिरोध की स्थिति है. कश्मीरी युवाओं के लिए अभिव्यक्ति के सारे रास्ते बंद हैं. दोनों ओर आपसी नफ़रतें चरम पर हैं. बुरहान वानी इसी बेबसी और घुटन का प्रतिबिम्ब था. उसके जनाज़े और प्रदर्शनों में लाखों युवाओं की भागीदारी भी इसी घुटन और बेबसी का प्रतीक है.

Source – BBC HINDI 

लेखक – शकील अख्तर, बीबीसी संवाददाता 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Is Win Diggers Casino fair and risk-free? Security Index discussed

We compute a casino' s Safety Index based upon...

Win Diggers Betting Establishment

Gaming facility Info WebsiteWin Diggers Gambling Establishment Website Established2020 LicenseCuracao Minutes Deposit10 Max Deposit30,000 Pros Considerable...

Benefits of Glory Casino’s Popular Prize Wheel Spins

Benefits of Glory Casino’s Popular Prize Wheel SpinsGlory Casino’s...

Tema ve Oynanış Mekanikleri Bakımından Dört Popüler Slot Oyunu Analizi

Tema ve Oynanış Mekanikleri Bakımından Dört Popüler Slot Oyunu...