nehru-park-उदयपुर.  फतहसागर झील के बीच नेहरू पार्क में अब शहनाई नहीं गूंजेगी। झील के बीच सितारा होटल की तर्ज पर राज्य सरकार ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी)  के नेहरू पार्क में भी शादियां व अन्य आयोजन करवाकर राजस्व कमाने की राह पकड़ी थी। अब सरकार ने वहां आयोजनों पर रोक लगा दी है।

विभाग ने यहां तीन शादियों की बुकिंग रद्द कर आयोजकों को सूचित कर दिया है। इस निर्णय से झीलों के संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों को बल मिलेगा।

राज्य सरकार को उदयपुर के वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक की ओर से पार्क में एक शादी समारोह के आयोजन का आवेदन भेजा। इस जयपुर विभागीय मुख्यालय से अधीक्षण अभियंता (भवन)  एमएल वर्मा ने आदेश जारी किए कि नेहरू पार्क में आयोजन नहीं किया जा सकेगा।

अब तक नेहरू पार्क में शादियों के लिए आयोजकों को वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक (पीडब्ल्यूडी) कार्यालय में आवेदन करना होता था। वहां से मूल आवेदन राज्य सरकार को भेजा जाता था।

तीन बुकिंग निरस्त

विभाग ने मुख्यालय से पत्र मिलते ही हाथों-हाथ तीन शादियों की एडवांस बुकिंग निरस्त करने के आदेश निकाल दिए।

अब आयोजकों को अमानत राशि लौटाई जा रही है। ये शादियां एक, दो दिसंबर तथा अन्य तारीखों में होने वाली थी।

नेहरू पार्क में कम बजट में मांगलिक आयोजन के लिए जगह तो मिल जाती थी, लेकिन मेहमानों को पार्क तक लाने-ले जाने के लिए नाव का खर्चा ज्यादा होता था।

पीडब्ल्यूडी वहां एक दिन का करीब 75 हजार रुपए किराया लेता है। कम बजट होने के बाद भी शादियां इसलिए खास हो जाती थी,  क्योंकि कम बजट में हिलोरें मारती झील के के बीच आयोजन हटकर नजर आता था।

फतहसागर को फायदा, नहीं बिखरेगी गंदगी-जूठन

झीलों के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट, राजस्थान हाईकोर्ट और राज्य सरकार के आदेश, कानून की समग्र रूप से पालना के लिए उपरोक्त रोक लगाई जा रही है।

इस फैसले के बाद फतहसागर के संरक्षण में भी मदद मिलने की बड़ी सरकारी पहल नजर आई है। नेहरू पार्क में आयोजन को लेकर वैसे तो सफाई शुल्क लिया जाता रहा, लेकिन फिर भी वहां झूठन और गन्दगी झीलों में डालने की शिकायतें भी मिलती थीं।

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