imagesउदयपुर,। विनोबा संदेश सेवा संस्थान के संस्थापक समाजसेवी मनोहरलाल सरूपरिया ने केन्द्र सरकार को एक ज्ञापन देकर मांग की है कि बलात्कारियों को शेर के पिंजरे में बंद कर उन्हें सप्ताह में तीन दिन भूखा रखा जाए।

जस्टिस वर्मा की रिपोर्ट आने के बाद सरूपरिया ने कहा कि दुष्कर्म एक जघन्य अपराध है यदि उन्हें फांसी की सजा नहीं दी जाती है तो कम से कम उनमें भय व्याप्त करने की दृष्टि से शेर के पिंजरे में बंद कर यातनाएं दी जाए। उम्र कैद की सजा का भार तो आम आदमी पर ही पडेगा।

सरूपरिया ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रतीकात्मक तौर पर संस्थान ने एक ऐसा पिंजरा बनवाया है, जिसमें दो हिस्से है। एक हिस्से में शेर अथवा जंगली जानवर को रखा जाए तथा दूसरे हिस्से में बलात्कारियों को तीन दिन भूखों रखा जाए। ताकि जंगली जानवरों का सामना करते हुए उन्हें अहसास हो सके कि बलात्कार को पीडिता ने कैसी यातना झेली है। उन्होंने विज्ञप्ति में कहा है कि सम्पूर्ण विश्व में भारत की छवि एक अहिंसावादी देश के रूप में है। शायद यही सोच जस्टिस वर्मा की रही हो और उन्होंने फांसी की सजा देने की सिफारिश नहीं की है, किन्तु सामूहिक यंत्रणापूर्वक बलात्कार एक ऐसा जघन्य अमानवीय अपराध है कि बलात्कारी को जिंदा रहने का अधिकार भी नहीं है। इसलिए उनमें खौफ पैदा करने के लिए शेर के पिंजरे में बंद रखना जरूरी है। ताकि वे भय के समक्ष तिल-तिल मरने के लिए तत्पर रहे। इससे मानवाधिकारों का हनन भी नहीं होगा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि हमारे देश के नेतृत्व वर्ग की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि दुष्कर्म की घटनाओं को राजनीति की मोम चढी आंखों से नहीं देखें और पीडिता एवं उसके परिवारजनों को न्याय दिलाने में ईमानदारी के साथ सख्ती के साथ कदम उठाएं। ऐसी घटनाएं किसी के साथ भी हो सकती है।

Previous articleस्कूली स्तर से ही पढाया जाए लैंगिक संवेदना का ज्ञान: लाडकुमारी
Next articleट्रोले ने बाइक को चपेट में लिया, दो युवक की मौत
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here