हाईकोर्ट का हाइवे से शराब की दुकानें हटाने का आदेश बना आबकारी अधिकारियों के लिए गलफांस, ठेकेदारों के लिए खाली दुकानें तलाश रहे हैं अधिकारी

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उदयपुर। राज्य सरकार जनता को शराब पिलाकर ज्यादा से ज्यादा राजस्व हासिल करना चाहती है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हाइवे पर चल रही शराब की दुकानें तो बंद करवा दी गई है, लेकिन इन दुकानों के बंद होने से आबकारी अधिकारियों की मुसीबतें बढ़ गई है। हाईकोर्ट ने हाइवे के दोनों तरफ १५० मीटर की परिधि में शराब की दुकानें बंद कराने के आदेश दिए थे। इसके बाद हाइवे पर चल रही करीब २१८९ दुकानों को बंद करवाया गया, लेकिन शराब बिक्री के लिए दुकानें नहीं मिल पाने के कारण अब तक एक चौथाई दुकानें ही शिफ्ट की जा सकी है। इससे राजस्व में भारी गिरावट आई है, जो आबकारी अधिकारियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है, क्योंकि सरकार द्वारा आबकारी अधिकारियों के लिए टारगेट फिक्स कर रखा है। पता चला है कि इस परेशानी से निबटने के लिए आबकारी अधिकारी स्वयं ठेकेदारों के लिए खाली दुकानें तलाश रहे हैं, ताकि शराब की बिक्री बढ़े और राजस्व का गिरता ग्राफ वापस ऊपर आ सके। राज्य सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गई, लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद आबकारी विभाग ने ठेकेदारों से हाइवे पर 150 मीटर की परिधि में खुली सभी शराब की दुकानें बंद करवा दी। सूत्रों के अनुसार दुकानें बंद होने के बाद राजस्व में आई गिरावट के कारण आबकारी अधिकारी ही शराब बिक्री के लिए खाली दुकानों की तलाश में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि विभाग के उच्चाधिकारियों ने बंद हुई दुकानें जल्द खुलवाने के लिए सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। अधिकारी राजमार्ग से 150 मीटर की परिधि के बाहर शराब की दुकानें शिफ्ट कराने की मशक्कत में लगे हुए हैं।

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