IMG_3766आईटी ने बदली दुनिया की सूरत
विद्यापीठ में मोबाईल तकनीकी , क्लाउड कम्प्यूटिंग पर दो दिवसीय अन्तर्राश्ट्रीय सेमीनार प्रारंभ
उदयपुर,मोबाईल पर बात करते हुए सामने वाले व्यक्ति का विडियों देख पाना सोषल मिडिया , इंटरनेट उपयोग बढ़ना और बैंको से लेनदेन भी ऑन लाईन होना यह युग मोबीलिटि युग है। जो आईटी की ही देन हैं। किसी भी कार्य को यह छोटा सा डिवाईस आसानी से और चंद मिनटों में कर सकता है। यह आईटी के नये आयाम है। विषेष बात यह हैकि हर रोज नई तकनीक विकास कर भारत आईटी क्षेत्र में तेजी से बढ रहा है। क्लाउड कम्प्यूटिंग और मोबाईल का उपयोग सामान्य हेा गया है। मोबाईल की एक सीमा है लेकिन अब क्लाउड कम्प्यूटिंग के द्वारा उपभोक्ता बिना कम्प्यूटर के ही मोबाईल के द्वारा क्लाउड कम्प्यूटिंग से जुड़ कर सभी कार्य आसानी से कही भी कर सकता है। यह बात कढ़ी विष्वविद्यालय गुजरात के प्रो. एन.एन. जानी ने मुख्य वक्ता के रूप में कही वे। ष्षनिवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विष्वविद्यालय तथा एआईसीटीई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार में एडवांसमेंट इन मोबाईल टेक्नोलॉजी एण्ड क्लाउड कम्प्यूटींग के उद््घाटन सत्र में बोल रहे थे। सेमीनार चेयरमेन डॉ. मनीष श्रीमाली ने बताया कि अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि आईटी की बड़ी देन ईंटरनेट युग की शुरूआत कही जा सकती है। 1970 से 1980 में बाजार में कम्प्यूटर उपलब्ध होने से आम जीवन बदल गया है। इंटरनेट युग आया और फिर फेसबुक। टयूटर से छोटे बड़े का फर्क नहीं रहा।आज जितना जानकार अधिकारी है उतना ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचाारी भी। यह सभी आईटी के नवीन आयाम ही है। एमपीयूटी के प्रो. धर्मसिंह ने कहा कि तकनीकी विकास करना उतना कठिन नहीं है लेकिन उसके गुण दोषों की विवेचना करके आम जन के तैयार करने में समय लगता है। यही कारण है कि हमारे पास आईटी और कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में नया करने को बहुत कुछ है लेकिन साधनो की कमी है। विषिष्ट अतिथि गुजरात विष्वविद्यालय के प्रो. बंकिम पटेल तथा गाजियाबाद विष्वविद्यालय के प्रो. मुणेष त्रिवेदी थे। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. देवेन्द्र जौहर, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. प्रदीप सिंह ष्षक्तावत, डॉ. ललित पाण्डेय, प्रो. एन.एस. राव, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. प्रकाष षर्मा, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. भारत सिंह देवड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समारोह का संयोजन डॉ. नेहा सिंघवी ने किया। धन्यवाद डॉ. चन्द्रेष छतलानी ने दिया।
पहले दिन 53 पत्र वाचन:
आयोजन सचिव डॉ. गौरव गर्ग ने बताया कि सेमीनार के पहले दिन अलग अलग श्रेणियों में 53 पत्र वाचन किए गए। रविवार को भी समानान्तर कार्यषाला आयोजित होगी। सेमीनार में 550 से अधिक शोध पत्र आये उनमें से चयनित 115 पत्रों का वाचन किया जायेगा।
इन विषयों पर आज हुआ मंथन:-
आयोजन सचिव चन्द्रेष छतलानी एवं आई.टी. विभाग के डॉ. दिनेष श्रीमाली ने बताया कि इस दो दिवसीय सेमीनार में क्लाईड कम्प्युटिंग, मोबाईल टेक्नोलॉजी, एप्लीकेषन इन नेचुरल साईंस, एप्लीकेषन ऑफ क्लाउड कप्यूटिंग इन एज्यूकेषन, एप्लीकेषन ऑफ कम्प्यमूटर टेक्नोलॉजी इन फिजिक्स, केमेस्ट्री, जियोलॉजी, बोटनी, मैथ्स, ह्यूमिनीटी एण्ड मेनेजमेंट विषय पर हुआ मंथन।

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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