5017_59उदयपुर. चित्रकूट नगर में अधूरे कन्वेंशन हॉल को पूरा कराने के लिए यूआईटी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पीपीपी मोड पर टेंडर आमंत्रित करेगी। जो भी इसके लिए तैयार होगा, उसे होटल की भी जमीन आवंटित होगी। होटल और कन्वेंशन हॉल तय मियाद तक संचालित कर उससे होने वाली आय से अपनी लागत और मुनाफा निकालेगा।

चित्रकूट नगर स्थित खेल गंाव के पास अधूरे पड़े कन्वेंशन हॉल के विकास के लिए यूआईटी ने 130 करोड़ की डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजी है। लंबे समय से अधूरे पड़े कन्वेंशन हॉल का विकास यूआईटी पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप)मॉड पर करवाएगी। चेयरमैन आशुतोष पेडणेकर के निर्देश पर यूआईटी ने 130 करोड़ की डीपीआर तैयार करवा कर मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेज दी है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पीपीपी मॉड पर कन्वेंशन हॉल का बंद पड़ा काम फिर से शुरू हो सकेगा।

गौरतलब है कि वसुंधरा राजे ने पिछले कार्यकाल में कन्वेंशन हॉल का शिलान्यास किया था। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कन्वेंशन हॉल का काम ठप पड़ गया। जो कि अभी एक ढांचे के रूप में खड़ा है। यूआईटी कन्वेंशन हॉल के निर्माण पर करीब सात करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।

ऐसे होगा कन्वेंशन हॉल का विकास व संचालन
डीपीआर मंजूर होने के बाद पीपीपी मोड पर कन्वेंशन हॉल विकास के लिए प्रस्ताव मांगे जाएंगे। जो भी कंपनी यह काम करने आगे आएगी, वह कन्वेंशन हॉल का काम पूरा करवाएगी। कंपनी को यहां पास ही फोर स्टार होटल बनाने के लिए यूआईटी जमीन उपलब्ध करवाएगी। उसके बाद कंपनी एक निर्धारित अवधि तक कन्वेंशन हॉल व होटल का संचालन करेगी। इससे होने वाली आमदनी उसकी रहेगी। हालांकि कंपनी यूआईटी को प्रति वर्ष कुछ राशि चुकाएगी। करार अवधि पूरी होने के बाद कन्वेंशन हॉल व होटल यूआईटी को हस्तांतरित हो जाएंगे।

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