उदयपुर/सराडा। जिले के सराडा थाना क्षेत्र में प्रेम-प्रसंग के चलते भागे देवर-भाभी को ग्रामीणों ने पकडकर नग्नावस्था में पेड से बांध कर मारपीट की। मौके पर बचाने के लिए गए जाब्ते पर पथराव कर दिया। जिससे दो पुलिसकर्मियों को चोंटे आई है। बाद में आदिवासी जनप्रतिनिधि की मध्यस्था के सात घंटे बाद आदिवासियों ने देवर-भाभी को आजाद करवा थाने लेकर आए। वहीं आदिवासी समाज के पंच पटेल दोनों के भागने पर जुर्माना लेने के लिए पंचायत कर रहे है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार थाना क्षेत्र के कोलर गांव के पास स्थित लिम्बात फलां में रहने वाले प्रकाश (२८) पुत्र भीमजी मीणा और इसी की भाभी दुर्गा (२२) पत्नी हामजी मीणा के बीच अवैध सम्बन्ध स्थापित हो गए थे। दुर्गा की शादी को ६ वर्ष हो गए है और एक ३ वर्ष की एक पुत्री भी है। वहीं प्रकाश कुंवारा है और गांव में ही मजदूरी करता है। दुर्गा का पति अहमदाबाद में रहकर मजदूरी करता है। करीब दो माह से चल रहे अवैध सम्बन्धों के चलते करीब १५ दिन पूर्व दोनों ही भाग गए थे। इसको को लेकर आदिवासियों में बेहद ही आक्रोश था। शनिवार को गांव के लोगों को केशरियाजी हाईवे पर घूमने की सूचना मिली। सूचना मिलने पर दर्जनों की संख्या में आदिवासी मौके पर पहुंचे तथा दोनों को पकड कर गांव में लेकर आ गए। जहां पर हजारों की संख्या में आदिवासी एकत्रित हो गए। आदिवासियों ने दोनों को रात भर कमरे में बंद रखा और रविवार को देवर-भाभी के बाल काट दिए और कपडे फाड़ कर नग्नावस्था में पेड से बांध दिया और मारपीट करनी शुरू कर दी।

इसके साथ ही गांव के कुछ युवकों ने महिला के गुप्तांगों के साथ भी छेडछाड की। इधर इस घटना की जानकारी पुलिस को मिलने पर मौके पर थानाधिकारी शिवप्रकाश टेलर दोनों को आजाद करवाने के लिए मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखकर आदिवासी आक्रोशित हो गए तथा पथराव शुरू कर दिया। सैंकडों आदिवासियों के सामने पुलिस के कुछ जवान कुछ नहीं कर पाए और पुलिस को पथराव से डरकर पीछे हटना पडा। पथराव में चावण्ड चौकी प्रभारी अमृतलाल मीणा और कानिस्टेबल मणिलाल मीणा को चोंटे आई। थानाधिकारी टेलर ने इस घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। जिससे मौके पर आस-पास के थानों के थानाधिकारी मय जाब्ते और खेरवाडा से एम.बी.सी. की एक यूनिट और डिप्टी कैलाश दान, उपखण्ड अधिकारी रूपाराम खोड, तहसीलदार भंवरलाल मीणा भी पहुंच गए। भारी मात्रा में गए जाब्ते ने पूरे गांव को घेर लिया। पुलिस ने आदिवासियों को समझाने का प्रयास किया। आदिवासियों के नहीं मानने पर चावण्ड सरपंच कालू मीणा को बुलाया गया। कालू मीणा की मध्यस्ता के बाद पुलिस की आदिवासियो से वार्ता शुरू हुई। शाम को चार बजे आदिवासियों ने देवर-भाभी को छोड दिया। जिसके बाद पुलिस दोनों को थाने पर लेकर आ गई। इधर गांव में अभी भी सैंकडों की संख्या में आदिवासी पंचायत कर रहे है। सभी आदिवासी देवर-भाभी के रिश्ते को कलंकित करने वाले दोनों पर जुर्माना लगाने पर अडे है। एतियात के तौर पर गांव के बाहर भारी जाब्ता तैनात किया गया है।

छूटते ही जीप के नीचे घुसी विवाहिता

उदयपुर। जानकारी के अनुसार जैसे ही आदिवासियों ने दुर्गा और प्रकाश को छोडा तो विवाहिता भाग पुलिस की जीप के नीचे जाकर छुप गई और पुलिस से बचाने की गुहार लगाने लगी।

 

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