dangi-1उदयपुर। नगर निगम महापौर अपने कुछ पार्षदों के साथ गुपचुप जयपुर पंहुची है, जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी। हालांकि महापौर ने इसे अपनी निजी यात्रा बताया है, लेकिन कुछ पार्षदों का कहना है कि महापौर समितियों के पुन: गठन को लेकर जयपुर में शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया से चर्चा करने गई है। गुटबाजी की भेंट चढ़े निगम के भाजपा बोर्ड में एक तरफ जहां कमल मित्र मंडल के पार्षद वसुंधरा से मिलने की तैयारियां कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अचानक महापौर के कुछ पार्षदों के साथ जयपुर जाने से दोनों ही धड़ों में खलबली मच गई है।

सभी को फोन पर जयपुर जाने के दिए निर्देश: नाम नहीं बताने के शर्त पर कुछ पार्षदों ने बताया कि महापौर ने शुक्रवार को सभी को फोन कर जयपुर जाने के लिए कहा था। क्यों जाना है, इसके बारे में किसी को नहीं बताया था।

भाई साहब से मिलकर समितियों पर होगी चर्चा: उदयपुर से करीब 17 पार्षद महापौर के साथ जयपुर गए हैं। इनमें कुछ तो समिति अध्यक्ष के सपने लेकर गए हैं। इनमें से एक पार्षद ने कहा कि हम तो सिर्फ भाई साहब की कुशलक्षेम पूछने जा रहे हैं।

 

17 पार्षद शामिल है।:

ये पार्षद थे शामिल : जयपुर गए पार्षदों के प्रतिनिधि मंडल में सत्यनारायण मोची, प्रेमसिंह शक्तावत, धनपाल स्वामी, राखी माली, कंचन सोनी, भूपेंद्र जैन, के.के. कुमावत, कविता मोदी, अब्दुल खलील, वंदना पोरवाल, गंगाराम तेली सहित करीब

 

लालबत्ती की गाड़ी लेजाना भी रहा चर्चा में

महापौर को लालबत्ती की गाड़ी मिलने के साथ ही नियम भी कड़े हो गए हैं। उन्हें उदयपुर से बाहर जाने के लिए जयपुर से पहले स्वीकृति लेनी पड़ती है। विभागीय जानकारी के अनुसार महापौर को 24 मई को जाने की स्वीकृति दी गई थी। 25 मई की जानकारी विभाग के पास नहीं है। ऐसे में महापौर के लालबत्ती की गाड़ी ले जाने से विपक्षी पार्षदों में रोष है और उन्होंने इसे सरकारी पैसे का दुरुपयोग बताया।

 

उदयपुर से बाहर जाने के लिए पहले तो जयपुर से एक पत्र महापौर को आता हैं। बाद में मेरे पास स्वीकृति के लिए उस पत्र की कॉपी आती है। 24 मई को उनके जाने का पत्र मेरे पास आया था, लेकिन 25 मई को जाने की जानकारी मेरे को नहीं है। अगर विभाग में पत्र भी आया, तो मुझे नहीं पता।

-दिनेश कोठारी, उप निदेशक, उदयपुर नगर निगम

: सरकारी छुट्टी होने के बावजूद महापौर जयपुर गई है। इससे साफ होता है कि वह अपने व्यक्तिगत काम से गई है। उनके जाने की जानकारी नगर निगम को नहीं है। अगर व्यक्तिगत कार्य से गई है, तो लाल बत्ती की गाड़ी का प्रयोग नहीं करना चाहिए है। यह सरकारी धन का दुरुपयोग है।

-दिनेश श्रीमाली, नेता प्रतिपक्ष

: मेरा जयपुर जाने का काम पड़ता रहता है। अभी में अपने व्यक्तिगत काम से आई हूं। गुलाब जी वहीं पर होंगे, तो उनसे भी मिलना हो जाएगा। पार्षद भी अपने काम से जयपुर आए हैं।

-रजनी डांगी, महापौर, उदयपुर

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