मेवाड़ राज घराने के संपत्ति विवाद में नया मोड़

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फैसले से पहले सुप्रीम कोर्ट के जज ने स्वीकारा आतिथ्य

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उदयपुर। मेवाड़ राजपरिवार के सदस्यों के बीच उच्चतम न्यायालय में चल रहे संपदा विवाद में उस समय नया मोड़ आ गया, जब उसी न्यायालय के जज रंजन गोगाई के खिलाफ यह कहकर मुख्य न्यायाधीश के यहां आपत्ति दर्ज करवाई गई कि सुनवाई कर रहे जज ने पिछले साल उदयपुर में विवादित संपदा पर ही अरविंदसिंह मेवाड़ का आतिथ्य स्वीकार किया था, लिहाजा उन्हें प्रकरण से हटा दिया जाना चाहिए। अरविंदसिंह इस प्रकरण में प्रतिवादी है।
यह आपत्ति पूर्व महाराणा भगवतसिंह की पुत्री और महेंद्रसिंह मेवाड़ तथा अरविंदसिंह मेवाड़ की बहन श्रीमती योगेश्वरी कुमारी के वकील मृणाल कांति मंडल की ओर से पेश की गई है। मुख्य न्यायाधीश ने पिछले सप्ताह ही इस प्रकरण को देख लेने को कहा है। सालों से विवादित राजपरिवार की इस संपदा में कुछ समय पूर्व ही योगेश्वरी कुमारी भी यह कहते हुए एक पक्षकार बनी थी कि राजपरिवार की पुत्री होने के नाते वो भी इस संपदा की एक हिस्सेदार है। इससे पूर्व दोनों भाइयों में ही संपदा विवाद चल रहा था। प्रकरण उच्चतम न्यायालय की उस पीठ में विचाराधीन हैं, जहां रंजन गोगोई जज है। पिछले साल वो उदयपुर की यात्रा पर आए थे। उनकी यात्रा को लेकर “एटरनल मेवाड़” की वेबसाइट पर विशेष Untitled-1अतिथियों के पेज पर फोटो अपलोड किए गए थे, जिसमें अरविंदसिंह के पुत्र लक्ष्यराजसिंह मेवाड़़ उनको बुके भेंट करते दिखाई पड़ रहे हैं। लक्ष्यराज इस विवादित कंपनी लेक श्योर पेलेस होटल प्रा.लि. के निदेशक बताए गए है। एक फोटो में गोगोई अपनी पत्नी के साथ पेलेस में मौजूद है। उनके सम्मान में विवादित संपदाओं जगमंदिर, लेक पैलेस आदि पर हुए भव्य भोज में अरविंदसिंह मौजूद रहे बताएं। योगेश्वरी कुमारी की ओर से पहले तो संबंधित बेंच में ही आपत्ति की गई थी, जिसे लेकर जज नाराज हो गए और उल्टा वकील के खिलाफ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिख दिया। बार ने तब वकील को नोटिस भी जारी कर दिया। उसके बाद वकील ने मुख्य न्यायाधीश के यहां गुहार लगाई, जहां अभी कोई आदेश पारित नहीं हुआ है।
आमतौर पर यह देखा गया है कि किसी प्रकरण में जज को यह लगता है कि उनकी मौजूदगी से प्रकरण प्रभावित हो सकता है तो जज खुद ही केस से “एक्सेप्सन” ले लेते हैं, यानी कि वे प्रकरण से अलग हो जाते हैं, लेकिन यह एक ऐसा मामला है, जिसमें जज के ही खिलाफ उनकी ही कोर्ट में आपत्ति की गई हैं कि वे खुद प्रकरण से अलग हो जाए तो न्यायिक व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। राजपरिवार की इस विवादित संपदा को लेकर इस प्रकार की शिकायतें पूर्व में महेंद्रसिंह मेवाड़ की ओर से भी होती रही है। एक बार महेंद्रसिंह मेवाड़ ने अरविंदसिंह के बुलावे पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभादेवी सिंह पाटील के पैलेस आगमन पर भी विरोध दर्ज कराया था। उन्होंने श्रीमती पाटील को पत्र लिखकर सावचेत करने का प्रयास किया था कि वे इस विवादित संपदा पर न आए तो अच्छा रहेगा क्योंकि प्रकरण उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन में है और उनके आने से इस विवादित प्रकरण पर असर पड़ेगा। फिर भी श्रीमती पाटील पैलेस गई थीं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राजपरिवार के ज्येष्ट पुत्र महेंद्रसिंह पैलेस के नीचे समोरबाग में ही रहते हंै, जबकि उनसे छोटे अरविंदसिंह पैलेस के गैर व्यावसासिक हिस्से में रहते हैं, जो न्यायिक विवादों में है।

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