बंदायु -इस दुनिया मे कुछ भी संभव हो सकता है चाहे वह मौत से खेलना ही क्यों न, आप ने सुना है कि कोई इंसान रेल की पटरी के नीचे आ जाने के बाद भी सही सलामत उससे बाहर निकल आता है, शायद नहीं सुना होगा और न ही ऎसा मुमकिन हो सकता है, पर कहते है कि बचाने बाला जब ऊपर बैठा हो तो चिंता किस बात की वही सम्भाल भी लेगा। कई बार तो छोटी सी चीज से लग जाने पर मौत का मुख देखना पड जाता है तो कभी आदमी मीलों ऊचाइ से गिरने के बाद भी बच जाता है।

ऎसा ही कुछ हादसा हुआ बंदायु के रेलवे स्टेशन पर। एक 16 साल का नौजवान लडका एक दम से पटरी पर जा गिरा और तभी तेज रफ्तार से आती हुई टे्रन उसके ऊपर से निकल गई और कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि उस बच्चो का बाल भी बाका नहीं हुआ और सही सलामत मौत के मुंह से निकल आया है न इश्वर का चमत्कार। शहर में सिविल लाइंस रेलवे क्रिासिंग पर हाईस्कुल का छात्र ट्रेन के नीचे आ गया। यहां मौजूद लोग अवाक होकर किसी अनहोनी के बारे में सोचते रह गए पर ट्रेन गुजरी तो उसे सही सलामत निकाल लिया गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसके हल्की खरोंचें ही आयीं।

रिर्पोट के मुताबिक एसके इंटर कॉलेज में हाईस्कुल का छात्र शहर के मोहल्ला पक्काबाग में रहता है। उसके पिता कचहरी पर जलजीरा का ठेला लगाते हैं। रविवार को पूर्वान्ह साढे ग्यारह बजे के करीब वह सिविल लाइन रेलवे क्रासिंग से डीएम रोड की तरफ पटरी पर खडा था। इसी के दौरान बरेली से कासगंज जाने वाली पैसेंजर ट्रेन आ गई। तभी छात्र इंजन के आगे पटरी के बीच गिर पडा। यह घटना देख बहा पर खडे तमाम लोग ये देखते ही यह गये >लोगों की आंखें फटी रह गईं, अनहोनी की आशंका में वह एकटक देखते रहे और धडधडाते हुए ट्रेन गुजर गई।

चौका देने बाली बात तो यह है कि वह लडका पटरी पर ट्रेन गुजरने के बाद> सलामत पीठ के बल पडा था। आस पास के लोगों ने दौडकर उसे उठाया तो वह लडका कपडे झाडकर उठ खडा हुआ। उसके सिर और पैर पर हल्की चोट थी, जो शायद पत्थरों की रगड से लगी थी और वह बिल्कुल ठीक था। तो है न चौकाने बाली बात लोगों का मानना है कि यह और कुछ नहीं कुदरत का करिशमा ही है

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