0733_4दोनों आरोपियों की तरफ से जो बीमारी बताई गई है, उसका इलाज या तो ऑपरेशन है या ‘आराम’। ऑपरेशन करवा नहीं रहे, आराम तो जयपुर-अजमेर में भी संभव है

 

जोधपुर. एएनएम भंवरी अपहरण व हत्याकांड में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई की बीमारी भी अब एक हो गई है। मलखानसिंह ने पहले तो फोर्टिस अस्पताल में दो माह तक हर्निया का इलाज कराया था, अब उन्होंने भी कमर दर्द की शिकायत बताई है।

 

मलखान की रीढ़ की हड्डी के एल 4 व 5 के बीच डिसकोलेप्स बताया गया है। इसी बीमारी से मदेरणा भी पीड़ित हैं और करीब तीन माह से ट्रिनिटी अस्पताल में आराम कर रहे हैं।

 

सीबीआई के दुबारा आपत्ति करने पर कोर्ट ने दोनों की बीमारी की रिपोर्ट मंगवाई थी, मगर सोमवार को मलखानसिंह की ओर से ही जवाब पेश किया गया। मदेरणा के डॉक्टर जोधपुर से बाहर होने के कारण उनकी मौजूदा रिपोर्ट पेश नहीं हो पाई। सीबीआई को यह भी आशंका है कि दोनों के लंबे समय तक जोधपुर में रहने से केस पर असर पड़ सकता है।

 

:बीमारी- रीढ़ की हड्डी में एल 4 व 5 में डिसकोलेप्स।

 

महिपाल मदेरणा
महिपाल मदेरणा

:इलाज अब तक – ट्रिनिटी अस्पताल में 8 नवंबर 2012 से भर्ती है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी, मगर कराया नहीं।

बीमारी- पहले हर्निया की बीमारी अब एस 4 व 5 में डिसकोलेप्स।

 

मलखानसिंह विश्नोई
मलखानसिंह विश्नोई

:इलाज अब तक -फोर्टिस अस्पताल में 5 अक्टूबर से 10 दिसंबर 2012 तक हर्निया का इलाज कराया। अब 8 जनवरी से बनाड़ के श्रीराम अस्पताल में भर्ती हैं।

अस्पताल में परिवार के साथ मिल-बैठ कर खाने की आजादी

 

महिपाल मदेरणा व मलखानसिंह विश्नोई अस्पतालों की पहली मंजिल पर कमरे लेकर आराम कर रहे हैं। भास्कर टीम जब उन अस्पतालों में पहुंची तो दोनों के कमरों के बाहर सुरक्षाकर्मी बैठे थे। महिपाल के चालानी गार्ड ने तो लंबे समय से यहीं रहने के कारण अस्थाई कैंप बना रखा था।

 

चालानी गार्ड ने टीम को कमरों में जाने से रोक दिया और बताया कि परिवार वालों को ही मिलने की अनुमति है। परिवार वाले जब चाहे उनसे मिल सकते हैं, जबकि ये दोनों जेल में थे तो परिवार के लोग भी सप्ताह में एक दिन से ज्यादा नहीं मिल सकते थे। अभी तो खाना भी घर वाले साथ बैठ कर खिलाते हैं, जबकि जेल में ऐसी छूट नहीं

सामान्य आरोपी का इन बीमारी में इलाज

 

डॉक्टरों के मुताबिक सामान्य व्यक्ति अथवा जेल में बंदी को ऐसी बीमारी हो तो उन्हें भी आराम की ही सलाह दी जाती है। जेल प्रशासन के अनुसार आम बंदी का इलाज सरकारी अस्पताल में कराते हैं, मगर कोई बंदी चाहे तो कोर्ट से अनुमति लेकर बाहर इलाज करवा सकता है।

आराम अजमेर-जयपुर में नहीं हो सकता?

 

दोनो आरोपियों की बीमारी ऐसी है जिसका इलाज चिकित्सकों के अनुसार ऑपरेशन ही है। महिपाल ऑपरेशन नहीं करवा रहे हैं। अगर ऑपरेशन नहीं करवाया जाता है तो मरीज को आराम तो जरूरी है ही। सवाल यह है कि क्या आराम के लिए अस्पताल ही जरूरी है?

 

क्या आराम जेल में भी हो सकता है? सीबीआई की ओर से जोधपुर में गवाहों को प्रभावित करने की आशंका जताई गई थी। यूं तो इस बीमारी का बेहतर इलाज जयपुर और अजमेर मे भी है और आराम तो निश्चित ही वहां के अस्पताल में भी संभव है।

मदेरणा की रिपोर्ट 23 को पेश करने के निर्देश

 

महिपाल मदेरणा का इलाज कर रहे चिकित्सक जोधपुर में नहीं होने से रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी, अब कोर्ट ने आदेश दिया है कि 23 जनवरी को रिपोर्ट पेश करें। वही मलखानसिंह विश्नोई के संबंध में निजी अस्पताल ने सोमवार को रिपोर्ट पेश कर बताया कि मलखान सिंह 8 जनवरी को पेट, पीठ व पैरों में दर्द की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे।

 

उनकी डिस्क एल 4 व 5 में समस्या है। इसके अलावा उन्हें हाईपरटेंशन बताया गया है, उन्हें एंटीबायोटिक व एंटी हाइपरटेंसिव दवाइयां पांच जा रही है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मलखान के गाल ब्लेडर में पथरी है और वे बेड रेस्ट कर रहे है। हालांकि इन 12 दिनों में पथरी का ऑपरेशन नहीं करवाया है।

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