उदयपुर। भारतीय जनता पार्टी के शहर जिलाध्क्ष दिनेश भट के इस्तीफे के बाद अब शहर का भाजपा का नया कप्तान तय करने की कवायद चल रही है। शहर के नए कप्तान में रविन्द्र श्रीमाली, महेंद्र सिंह शेखावत, किरण जैन के नाम मुख्य है लेकिन अगर सूत्रों की माने तो गुलाबचंद कटारिया अपनी पुरानी टीम से गठ जोड़ करने के मूड में है और इसीलिए भाजपा जिलाध्यक्ष की दौड़ में ताराचंद जैन जो की पहले छह बार जिलाध्यक्ष रह चुके है और अनिल सिंघल सबसे ऊपर है।
पार्टी के कुछ ख़ास नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है की दिनेश भट्ट और गुलाबचंद कटारिया की पटरी कई समय से बैठ नहीं रही थी। तभी से भाईसाब ने अपने पुराने साथियों को अपने साथ लाने का मन बना लिया था। वैसे भी राजनीति है यहाँ हमेशा के लिए ना कोई दोस्त होता है ना ही कोई दुश्मन और इसीलिए अब भाईसाहब मोजुदा साथीयों को अलविदा कह कर अपने पुराने टीम के साथ गठ जोड़ करने के लिए हाथ बढ़ा सकते है। सूत्रों की माने तो पुरानी टीम ने भी एक तरह से हार मान कर कटारिया के साथ होने का मन बना लिया है, क्यूँ कि लाख कोशिशों के बावजूद कटारिया को ज्यादा नुकसान नहीं पहुचा पाए। यहाँ तक कि हाल ही के विधानसभा चुनाव में तो विरोधियों ने एडी से चोटी तक का जोर लगा दिया कटारिया को हराने के लिए लेकिन इसके बावजूद कटारिया ने जीत हासिल की। इसके अलावा किसी समय में कटारिया के घोर विरोधी माने जाने वाले धर्म नारायण जोशी की कटारिया से दोस्ती फिर मावली विधानसभा से टिकिट मिलना और चुनाव जितना यह घटना क्रम भी बताता है कि कटारिया अपनी पुरानी टीम को एक बार फिर साथ में लेकर मैदान में आ सकते है। और इसकी पहल होने वाली है ताराचंद जैन या अनिल सिंघल को जिलाध्यक्ष बना कर।
वैसे भी भट्ट के इस्तीफे को लेकर पार्टी में कई तरह की अफवाहें सुनाई दे रही हैं। पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं का कहना है कि भट्ट पिछले एक वर्ष से नाममात्र के अध्यक्ष थे। विधानसभा चुनाव तक उन्हें झेला जा रहा था। चुनाव निपटते ही भट्ट को निपटा दिया गया। चर्चा है कि भट्ट ने अपना इस्तीफा स्वेच्छापूर्वक नहीं दिया बल्कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया। एक वर्ष से भाजपा के मेवाड़ के नेता गुलाबचंद कटारिया और दिनेश भट्ट की पटरी मेल नहीं खा रही थी। हालांकि संगठन के कार्यक्रमों और विधानसभा चुनाव की रैलियों, सभाओं के दौरान भट्ट को कटारिया के साथ देखा गया। जानकारों का कहना है मंच पर साथ बैठना मजबूरी थी लेकिन कटारिया और भट्ट के बीच मतभेद और मनभेद उजागर हो चुके थे। दो माह पूर्व कवी सम्मलेन के दौरान सूरजपोल थाना अधिकारी द्वारा दिनेश भट्ट के साथ किया गया बुरा बर्ताव और उसके बाद कटारिया द्वारा मंत्री होने के बावजूद कोई एक्शन नहीं लेना दोनों के बिच के संबंधो को उजागर कर दिया था।
ताराचंद जैन गुट के रविन्द्र श्रीमाली से पहले ही गुलाबचंद कटारिया का मेल हो चुका है अनिल सिंघल जिनका कि किसी समय में कटारिया और सिंघल का चोली दामन का साथ था और अनिल सिंघल को जिलाध्यक्ष बनाने के पूर्ण आश्वासन के बाद भी कटारिया द्वारा दिनेश भट्ट को शहर जिलाध्यक्ष बना दिए जाने के बाद से कटारिया और सिंघल अलग अलग हो गए थे। लेकिन अब कटारिया अब अनिल सिंघल के नाम पर मोहर लगा कर एक एक बार फिर अपनी पुरानी टीम को साथ में कर सकते है।

Previous articleचाक़ू से पहले किया पत्नी पर ताबड़तोड़ वार – फिर खुद के पेट में घोंपा चाक़ू .
Next articleउदयपुर संभाग से सभी जिलों के “अंजुमन” मुस्लिम समाज की तरक्की के लिए आये एक मंच पर – अंजुमन का संभागीय सम्मलेन सफलता के साथ संम्पन।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here