उदयपुर। एटीस ने हथियारों के फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियारों के मामले में हिन्दू जागरण मंच के रविकांत त्रिपाटी सहित शहर के आठ अन्य नामचीन लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार एटीस की कड़ी पूछताछ में सामने आया कि हिन्दू जागरण मंच के रविकांत त्रिपाटी का संपर्क था अजमेर के अवैध हथियारों के कारोबारी जुबैर से। कई भू-माफिया और रसूखदारों को त्रिपाटी ने ही दिलवाए थे हथियार। सूत्रों की माने तो 40 से अधिक हो सकते है गिरफ्तार।  
एटीएस ने हथियारों के फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियारों  की कार्रवाई को अंजाम देते हुए उदयपुर के कई रसूखदारों के पास से हथियारों के फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियार जब्त किये थे। पिछले पांच दिनों से एटीएस ने इन रसूखदारों के नामों का खुलासा नहीं किया था लेकिन गुरुवार को जयपुर में तलब किये जाने के बाद ये नामचीन लोग बेनकाब हो गए। जानकारी के अनुसार उदयपुर से ९ लोग जयपुर गए थे  जिन्हे एटीस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों की माने तो हिन्दू जागरण मंच के एक पदाधिकारी ने एटीस की कड़ी पूछताछ में अपना मूह खोला और कई नाम सामने आये है।
अवैध हथियारों और फर्जी लाइसेंस का भंडा फोड़ करते हुए एटीस ने रविवार को अजमेर में आर्म्स अम्युनेशन वली मोहम्मद एंड संस के जुबेर को गिरफ्तार किया था। सोमवार को उदयपुर में कारवाई करते हुए 13 लाइसेंस और २० हथियार जब्त किये थे। एटीस ने गुरुवार को फर्जी हथियारों के लाइसेंस बनवाने वालों को जयपुर मुख्यालय में तलब किया। जिसमे से 9 लोग पहुचे इनमे हिन्दू जागरण मंच के चित्तौड़ प्रांत प्रमुख रविकान्त त्रिपाठी । भुव्यवसाई दीपक परिहार, अरवाना कॉम्प्लेक्स के मालिक हसन पालीवाला, भुव्यवसाई पारस बोलिया, जयशंकर राय, संजय तलेसरा,विकास सुहालका, इंतखाब आलम और सुमित भंडारी जयपुर एटीस मुख्यालय पहुचे थे।  जानकारी के अनुसार एटीस ने इनसे पूछताछ कर गिरफ्तार कर लिया। बाकी के लोग जयपुर नहीं पहुचे और अपने बचाव का जुगाड़ में लगे हुए है।
सूत्रों के अनुसार जयपुर में एटीस ने सभी से कड़ी पूछताछ की जिसमे हिन्दू जागरण मंच के रविकांत त्रिपाटी ने कई खुलासे किये है। सूत्रों की माने तो रविकांत त्रिपाटी अजमेर में पकडे गए वालिमोहम्मद एंड संस  के जुबेर के संपर्क में था और वह यहाँ के नामचीन लोगों को हथियारों के लाइसेंस बनवाने का काम करता था और बिच में लाखों रूपये रख लेता था २ से ढाई लाख रूपये जुबेर को देता जब की यहाँ से पांच से आठ लाख रूपये तक लेलेता था जिसमे फर्जी लाइसेंस और अवैध हथियार मुहय्या करवाता था। रविकांत त्रिपाटी के खुलासे के बाद १३ से यह संख्या ४० तक पहुच सकती है शहर में और भी फर्जी लाइसेंस और हथियार मिल सकते है।
 गौरतलब है कि रविकान्त का संघ में काफी रसूख है और वह गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया के करीबी रहे है कुछ समय पूर्व 100 फीट रोड पर बने त्रिपाठी के प्रोपर्टी ऑफिस का उदघाटन भी गृह मंत्री द्वारा किया गया था । इससे तो साबित होता है कि रविकांत की कटारिया के साथ संघ के लोगों से भी नजदिकियां थी। एटीएस की तफ्तीश में और कितने लोगों के नाम सामने आते है क्योंकि अवैध लाइसेंस बनाकर हथियार को रखना कहीं न कहीं जमीन व्यवसाय में गरीब मासूम, किसानों को डराने के काम में भी लिया गया हो ? ऐसे में अब एटीएस को चाहिए कि वह इन सभी आरोपियों के कारोबार की भी जांच करें और इनसे प्रताड़ित गरीबों की भी सुध ले क्योंकि उदयपुर में इतने कम समय मे रहकर करोडों की जमीनों का मालिक बनना साबित करता है कि इन सभी आरोपियों के पास या तो कोई अलादीन का चिराग था या इन्होंने इन अवैध हथियारों के बल पर मेवाड़ के लोगों की खून पसीने से कमाई जमीनों को बाहुबल से हथियाकर उन्हें रोड पर ला दिया।
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