पुलिस ने केस तो दर्ज नहीं किया उल्टे पीड़ित युवती और उसके पिता को संतों की तरह ज्ञान दे दिया।

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i-am-a-girl-touching-poem (1)उदयपुर। एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे कर रही है, हर कदम उठाने की बड़ी बड़ी बातें की जा रही है। वहीँ गृहमंत्री के गृह क्षेत्र की पुलिस एक १७ वर्षीय युवती के साथ हुए गलत व्यवहार के लिए ऍफ आई दर्ज ना कर के युवती और उसके पिता को डराते हुए किसी संत की तरह ज्ञान पिला रही है। और युवती के साथ होने वाली घटना को मामूली बताते हुए पल्ला झाड रही है। यही नहीं 5 दिन बाद भी अभी तक कोई कारवाई नहीं की गई है।
उदयपुर निवासी सालेहा पाटवाला जो मुंबई में अंग्रेजी अखबार की पत्रकार है, ने बताया कि उसकी छोटी बहन १७ वर्षीय को पांच अप्रेल को सोशल मिडिया पर एक मेसेज आया जिसको देखते ही उसके होश उड़ गए। सालेहा ने बताया कि किसी आर्यन नाम के व्यक्ति ने मेसेज किया था जिसमे उसकी बहन की तस्वीर के साथ छेड़ छाड़ कर फोटोशॉप के जरिये किसी अन्य नग्न युवती की फोटो पर चेहरा लगाया हुआ था साथ ही यह मेसेज भी किया गया था कि उससे मुलाकात करे वरना वह फेसबुक पर फोटो को अपलोड कर उसको टेग करेगा। घबराई हुई छोटी बहन ने यह बात अपने पिता और बड़ी बहन सालेहा को बताई। सालेहा जो की पेशे से पत्रकार है उसने इसे मामले में चुप बैठना ठीक नहीं समझा आर अपने पिता और बहन को थाने में जा कर रिपोर्ट दर्ज करवाने की सलाह दी। हिम्मत कर बेटी और पिता धानमंडी थाने पहुचे जहाँ से उन्हें यह कर टाल दिया कि यह आईटी सेल का मामला है सूरजपोल थाने जाओ। पीड़ित पिता और बेटी सूरजपोल थाने पहुचे और घंटों इंतजार के बाद जब आईटी सेल के इंचार्ज आए तो उन्होंने मामला सुन कर कह दिया कि यहाँ आईटी सेल में सिर्फ एटीम से फ्रोड हुए मामलों की ही रिपोर्ट ली जाती है। परेशान पिता आर बेटी वहाँ से वापस धानमंडी थाने पहुचे जहा पर फिर थाना अधिकारी राजेश वर्मा का तीन घंटे इंतजार किया गा। जब थाना अधिकारी आए तो उन्होंने बजाए युवती को और उसके पिता को हिम्मत बंधाने के लड़की और उसके पिता की ही गलती निकालते हुए ज्ञान पिलाने लग गए यही नहीं थाना अधिकारी ने तो बोहरा समाज पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया। थाना अधिकारी राजेश शर्मा का कहना है कि आपने अपनी बेटी को एसा मोबाइल ला कर ही क्यों दिया जिससे की वो सोसल मीडिया पर फोटो अपलोड करे। बेटियों को या घर की महिलाओं को फेसबुक इन्स्ताग्राम जैसी सोशल साईट से दूर रखना चाहिए। थाना अधिकारी ने तो यहाँ तक कह दिया की बोहरा समाज में बच्चों को काफी छूट दे रखी है यह उसी का नतीजा है। सोशल मीडिया पर आप फोटो अपलोड करोगे तो एसी घटनाएं तो होंगी ही। इतना ज्ञान देने के बाद भी आज तक कोई एफाइआर दर्ज नहीं की। जब सालेहा ने दूरभाष से जानना चाहा कि मामले में क्या कारवाई हुई तो सीआई राजेश वर्मा ने टालने वाले अंदाज में कह दिया की जांच कर रहे है। जब सालेहा ने कहा की उन्होंने मेसेज भेजने वाले के यु आर एल भी दिया है तो आगे की कारवाई क्यूँ ई हुई तो सीआई ने यह कहते हुए फोन काट दिया की में आपको जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हु।
सालेहा ने आज साऋ घटना और पलिस के रवय्या का ब्यौरा सोशल इडिया फेसबुक पर पोस्ट किया जिस पर कई लोगो की प्रतिक्रिया आरे है जिसमे पुलिस के खिलाफ अदिक गुस्सा है। लेकिन जिम्मेदार पुलिस इस तरह के मामले में बजाय पीड़ित पक्ष की इम्मत बढाते हे कारवाई करी चाहिए उसकी जगह सको दारा कर गान दे रही ई।

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