उदयपुर . प्रदेश सरकार चाहे जननी सुरक्षा को लेकर कितने ही दावे करती हो लेकिन ये दावे जमीनी स्तर पर खोखले ही नजर आते हैं. ऐसा ही एक माजरा देखा गया उदयपुर के सलूंबर कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में। जहां एक 4 माह के भ्रूण का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदारों के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर घूमता हुआ जब वापस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों के पास पहुंचा तो उनके होंश उड़ गए। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने आनन – फानन में अस्पताल स्टाफ से इस भ्रूण के अस्पताल परिसर से हटवा कर डिस्पोजल करवाया ।
दरअसल सलूंबर स्वास्थ्य केंद्र पर एक गर्भवती महिला इलाज के लिए भर्ती हुई। इस दौरान उसको दर्द उठा तो वह शोच के लिए बाहर आई जहां पर उसने स्वास्थ केंद्र परिसर में ही 4 माह के अनमेच्योर भ्रूर्ण को जन्म दिया। इस दौरान प्रसूता को तो उसके परिजन अस्पताल परिसर में स्थित वार्ड में ले गए। लेकिन भू्रण को वहां से हटाने की जिम्मेदारी अस्पताल के स्टाफ की थी। इस घटना के बाद 20 नर्सिंग कर्मियों और 9 डॉक्टरो वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लोगों की इंसानियत सबके सामने आ गयी। दरअसल अस्पताल कर्मी द्वारा इस भ्रूण को यहाँ से तत्काल हटाना था लेकिन असंवेदनशील स्टाफकर्मियों ने इस भ्रूर्ण को कुत्तों के नोंचने के लिए अस्पताल की चारदीवारी को सड़क पर पड़ा रहने दिया गया । जब यह माजरा एक जागरूक आदमी ने अपने मोबाइल में कैद किया तो अस्पताल प्रबंधन की नींद उड़ी और आनन-फानन में इस भ्रूण को डिस्पोजल कराया । ऐसे में इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद आखिर सवाल यह उठता है कि जननी शिशु सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा इतना बजट खर्च किया जा रहा है लेकिन फिर भी जमीन पर स्थितियां कैसे ढाक की तीन पात बनी हुई है .

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