इण्डिया डेवलपमेन्ट कोएलिशन ऑफ अमेरिका (आईडीसीए) ने इंटरनेशन स्कूल ऑफ इन्र्फोमेेटिक्स एण्ड मैनेजमेन्ट एवं रोटरी क्लब जयपुर के सहयोग से आज ‘‘भारत में गरीबी उन्मूलन एवं जलवायु परिवर्तन हेतु आधुनिक प्रथाओं’ विषय पर नौवें उत्तर भारत क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। धीरज कुमार, राजस्थान फाउन्डेशन के आयुक्त; अरविंद थान्वी, संस्थापक एवं चीफ़ मेंटर- मोहिनी फाउन्डेशन; डाॅ मोहन जैन, ट्रस्टी एवं संस्थापक अध्यक्ष, आईडीसीए, सम्मेलन के मुख्य प्रवक्ता थे।
इस मुद्दे के लिए राजस्थान सरकार की प्रतिबद्धता पर बात करते हुए धीरज कुमार, राजस्थान फाउन्डेशन के आयुक्त ने राज्य में नव्यकरणीय उर्जा के विकास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दृष्टिकोण की सराहना की। ‘‘नई राजस्थान सौर उर्जा नीति 2019, पवन एवं संकर उर्जा नीति 2019 और ज़िला मुख्यालयों तथा हरित उर्जा शहरों के रूप में शहरी विकास के लिए बजट घोषणाएं आदि ऐसे मुख्य क्षेत्र हैं, जहां राजस्थान सरकार ने जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से सर्वश्रेष्ठ ढांचे का विकास किया है।’’
धीरज कुमार ने जलवायु परिवर्तन एवं गरीबी के बीच के संबंध पर बात करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे ज़्यादा असर ज़्यादा संवेदनशील लोगों पर ही पड़ता है। विश्व बैंक के मुताबिक यह 100 मिलियन अतिरिक्त लोगों को गरीबी के जाल में फंसा सकता है। कृषि एवं खाद्य सुरक्षा से जुड़े खतरों को देखते हुए भारत के सामने कई चुनौतियां हैं।
धीरज कुमार ने राज्य सरकार द्वारा बजट में घोषित सात संकल्पों की बात कही और छात्रों को सुझाव दिया कि गरीबी के उन्मूलन के लिए इनोवेशन्स तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा निर्दिष्ट क्षेत्रों में समाज सेवा के लिए के अवसरों पर ध्यान दें। उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा राज्य बजट में ऐलान किए गए इन मुख्य क्षेत्रों पर रोशनी डाली- निरोगी राजस्थान, सम्पन्न किसान, महिला, बाल और वृद्ध कल्याण, सक्षम मजदूर, छात्र, युवा जवान, शिक्षा का परिधान, पानी-बिजली और सड़कों का मान तथा कौशल और तकनीक परिधान।
‘‘अगर आपके पास सामाजिक उद्यम का विचार है, तो आप आईस्टार्ट के साथ शुरूआत कर सकते हैं।’’ राजस्थान फाउन्डेशन के आयुक्त श्री धीरज कुमार ने जयपुर में मंगलवार को आयोजित नौंवे उत्तर भारत क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान सभा को सम्बोधित करते हुए कहा। आईस्टार्ट को प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों तक विस्तारित करने के लिए बजट घोषणाओं ने भारत के सबसे बड़े सरकार द्वारा संचालित इन्क्यूबेशन नेटवर्क की नींव रखी है। बीआईटीएस पिलानी, एमएनआईटी और आईआईटी जोधपुर के लिए पेश किया गया प्रोग्राम महत्वाकांक्षी उद्यमियों को आश्वस्त करता है, स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए पेश की गई यह पहल सामाजिक उद्यमों के माध्यम से सामाजिक बदलाव की दिशा में भी तत्पर है।
सम्मेलन के दौरान अरविन्द थान्वी और डाॅ मोहन जैन ने भी सभा को सम्बोधित किया, जिन्होंने साल 2012 में राजस्थान के सरकारी स्कूलों में शुरू की गई शिक्षा प्रक्रिया में सुधार की विभिन्न पहलों पर जानकारी दी, जो अब चार राज्यों और देश के 1800 से अधिक स्कूलों में मौजूद हैं।
200 छात्रों और विभिन्न क्षेत्रों से प्रमुख विशेषज्ञों ने सममेलन में हिस्सा लिया। छात्रों को सामाजिक ज़िम्मेदारी के प्रति संवेदनशील बनाना और उन्हें सामाजिक उद्यमिता की अवधारणा समझने में मदद करना इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था। सम्मेलन के दूसरे दिन शिक्षा एवं आजीविका में उभरते पहलुओं पर चर्चा की गई।

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