पोस्ट न्यूज़। स्कूलों में बांटने वाले पोषाहार में किस तरह की मनमानी चलती है यह फोटो देख कर पता लगाया जा सकता है। बच्चों को पोषाहार में दिए जाने वाले गेहूं में घूमते है कीड़े और जिम्मेदार सरकारी अफसर अफीम खा कर सोये पड़े रहते है। वैसे तो यह हार हर जिले के मुख्यालय से दूर किसी भी स्कूल में आम बात है लेकिन यहाँ अभी बात कर रहे है बांसवाड़ा जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालय ठिकरिया की। गांवों में कोई देखने वाला नहीं होने से मीनू बदलकर बच्चों को खिचड़ी देकर टाला जा रहा है। दूसरी ओर, गेहूं सड़ रहे हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
यह हकीकत सोमवार को मुआयने के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमजी पाटीदार ने गढ़ी इलाके के सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल, ठीकरिया में देखी। दोपहर में अचानक पहुंचे डीईओ पाटीदार ने सोमवार के मीनू अनुसार स्कूल में रोटी-सब्जी नहीं दिए जाने पर प्रधानाचार्य राजेंद्रप्रसाद पंड्या से सवाल किया, तो उन्होंने रसोइए द्वारा गेहूं नहीं पिसवाने से आटा नहीं होने की बात कही। फिर किचन में जाने पर थोड़ी सी खिचड़ी भगोने में दिखी। यहां भंडारगृह के मुआयने पर गेहूं सड़ते दिखे, जिन पर मरे हुए कीड़े दिखलाई दिए। भंडारण अस्त-व्यस्त पाकर डीईओ ने दो-दो रसोइए होते हुए दुर्दशा पर प्रधानाचार्य पंड्या को फटकारा। उन्होंने पंड्या को नोटिस थमाने के साथ दोनों लापरवाह रसोइयों को हटाने और एसएमसी के जरिए दूसरे रसोइयों का बंदोबस्त करने के निर्देश दिए।
आधे से कम मिले बच्चे, जवाब मिला होली पर गए
स्कूल के मुआयने के दौरान बच्चों की हाजिरी भी आधी से कम मिली। यहां 81 बच्चों का रोल है, जिसमें से 35 बच्चे ही सोमवार को मिले। इससे पहले दो दिन की दर्ज उपस्थिति 60-65 पाई गई। इस पर डीईओ ने शिक्षकों से पूछा, तो उन्होंने होली करीब होने से ज्यादातर बच्चे मेहमान गए बताए। इससे हाजिरी को लेकर भी संदेह गहराया।

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