• l_body-1478746218100 रुपए के नोट की कमी से गरीबी व लाचारी एेसी कि पत्नी की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार और शव ले जाने के लिए पति के पास फूटी कौड़ी तक नहीं बची।
  • उदयपुर

    गरीबी व लाचारी एेसी कि पत्नी की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार और शव ले जाने के लिए पति के पास फूटी कौड़ी तक नहीं बची। एमबी चिकित्सालय में वह शव के पास खड़ा होकर रोता-बिलखता रहा। कई लोग उसका दुख सुनकर पास भी आए, लेकिन सौ रुपए के नोट के फेर में कोई उसकी मदद नहीं कर सका।

  • यहां तक की एम्बुलेंस के लिए तीन हजार रुपए की व्यवस्था तक नहीं हुई। कुछ लोगों ने राजस्थान पत्रिका को वृद्ध की लाचारी बताई तो तत्काल मदद के लिए व्यवस्था करवाई। पत्रिका के आह्वान पर नारायण सेवा संस्थान ने एम्बुलेंस की निशुल्क व्यवस्था कर शव को व्यक्ति के गांव मध्यप्रदेश के नीमच के लिए रवाना किया।
  • पेशे से मजदूर एकता कॉलोनी जयसिंगपुरा, नीमच निवासी राजू भाई नाई (60) ने बताया कि उसकी पत्नी श्यामाबाई (57) के फेफड़े में तकलीफ होने पर नीमच चिकित्सालय में दिखाया। बीपीएल श्रेणी में होने से वहां निशुल्क उपचार हुआ। लेकिन हालत गंभीर होने पर गत शनिवार एमबी चिकित्सालय ले आया। हालात तंग होने से वहां के लोगों से आर्थिक मदद लेकर पत्नी को लाया। लेकिन आने-जाने व इलाज में सारे पैसे खत्म हो गए। चिकित्सकों ने भी अस्पताल से उसके खाने-पीने व इलाज की समस्त व्यवस्था की।
  • भीड़ नहीं जुटा पाई सहयोग राशि

    श्यामा की मौत के बाद पति के पास उसके अंतिम संस्कार व शव गांव ले जाने की राशि नहीं थी। उसने अस्पताल में मदद की गुहार लगाई। भीड़ जुटी, उसका दुखड़ा सुना लेकिन बड़े नोट के बंद होने से कोई एम्बुलेंस किराए के लिए तीन हजार की सहयोग राशि एकत्र नहीं कर सका।

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