300x279xurl1-300x279.jpg.pagespeed.ic.iOVWG9xvZVचूल्हा, लाइटर व अन्य सामान खरीदने का नहीं बना सकेंगी दबाव, नई मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइन में संशोधन

उदयपुर। नए गैस कनेक्शन के दौरान चूल्हा, लाइटर आदि सामान खरीदने का दबाव बनाने वाली गैस एजेंसियों की अब खैर नहीं। इसके साथ ही होम डिलीवरी में आनाकानी, बुकिंग के बावजूद सिलेंडर डिलीवरी में लेटलतीफी और एजेंसियों पर उपभोक्ताओं से अभद्र व्यवहार पर जुर्माने के साथ ही मासिक कमीशन में भी कटौती होगी। यह सारी कवायद तेल कंपनियों की नई मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइन के अनुसार है। ऐसी सख्ती से गैस एजेंसी संचालकों की नींदे उड़ी हुई है और इसी वजह से ये आंदोलन की राह पर है। कंपनियों ने 2001 से चल रही मार्केट डिसिप्लिन गाइड लाइन में संशोधन कर सख्ती बरती है। दिसंबर, 2013 से लागू की गई गाइड लाइन के तहत जुर्माने और कमीशन में कटौती के अलावा एजेंसियों पर अनियमितता पाए जाने पर खारिज होने की तलवार भी तीन साल तक लटकी रहेगी।
तीन श्रेणी में होगी कार्रवाई
1 अति गंभीर अनियमतताएं : इसमें रिफिलिंग के कारोबार में लिप्तता, डिलीवरी वाहन में 25 फीसदी से अधिक सिलेंडर में कम गैस, गोदाम में 10 से अधिक नकली सिलेंडर या रेग्यूलेटर, सब्सिडी और नॉन सब्सिडी सिलेंडरों का स्टॉक इधर से उधर होना, खाते बही में 50 से अधिक सिलेंडरों का घालमेल और 100 से अधिक आधार कार्ड की डाटा एंट्री में गलती। यह सारी अनियमितताएं अति गंभीर की श्रेणी में आएगी और इसके लिए पहली बार एक माह के डीलर कमीशन की 50 फीसदी राशि काटने का प्रावधान है। दूसरी बार में एक माह का कमीशन और तीन गलती होने पर एजेंसी खारिज होगी।
२ गंभीर अनियमितताएं : इस श्रेणी में डिलीवरी वैन में 10 से 25 फीसदी सिलेंडरों में कम गैस। गोदाम में 10 तक नकली सिलेंडर या रेग्यूलेटर। सब्सिडी और नॉन सब्सिडी सिलेंडरों में 10 भरे सिलेंडरों का स्टॉक इधर-उधर होना। नए कनेक्शन, सिलेंडर डिलीवरी एवं अन्य सेवाओं की तेल कंपनी की निर्धारित दर से अधिक पैसा वसूलना तथा चूल्हे और अन्य नॉन एलपीजी प्रोडेक्ट खरीदने के लिए दबाव बनाना। यह अनियमितताएं पाए जाने पर यह गंभीर अनियमितताओं की श्रेणी में माना जाएगा। इसके लिए तेल कंपनी ने जुर्माना इस प्रकार लगाया है, पहली बार एक माह के डीलर कमीशन की 25 फीसदी राशि काटने का प्रावधान है, दूसरी बार में 50 फीसदी कमीशन और तीसरी बार पर 75 फीसदी और इसके बाद एजेंसी निरस्त की जाएगी।
३ अल्प गम्भीर अनियमितताएं : इस तीसरी श्रेणी में डिलीवरी वैन के सिलेंडरों में 10 फीसदी से कम गैस। सब्सिडी और नॉन सब्सिडी के पांच भरे सिलेंडरों का स्टॉक इधर-उधर। बुकिंग क्रम तोड़कर उपभोक्ताओं को सप्लाई या नया कनेक्शन बिल ना देना। उपभोक्ता से अभद्र व्यवहार, एजेंसी बंद रखना, समय पर सप्लाई नहीं देना, एजेंसी पर पर्याप्त संसाधन मय यूनिफॉर्म स्टॉफ, इंटरनेट सेवा ना होना लेखा-जोखा में खामी सहित अन्य गलतियों पर कमिशन कटेगा। यह इस प्रकार होगा, जिसमें एजेंसी संचालक को पहली गलती पर नोटिस, दूसरी गलती पर एक माह के औसत कमीशन में से दस फीसदी का जुर्माना और तीसरी गलती पर १५ फीसदी जुर्माना तथा चौथी गलती पर २० फीसदी का जुर्माना लगेगा।

Previous articleमहाराणा प्रताप के जीवन चरित्र पर सोनी चेनल पर प्रसारित धारावाहिक की रोक लगाने की मॉंग
Next articleRJ जीत अब 94.3 माय ऍफ़ एम् पर
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here