उदयपुर से कांग्रेस के सांसद तथा प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रघुवीर मीणा के दो क्रपैन नंबरञ्ज का मामला और उलझ गया है। पता चला है कि दूसरा क्रपैन कार्डञ्ज क्ररघुवीरञ्ज की बजाय साजिश पूर्वक रघुवीर नाम से बनवाया गया तथा इस गलत नाम के क्रपैन नंबरञ्ज से ही लंबे समय से लेन-देन चल रहा है।

इस सारे मामले से सांसद रघुवीर मीणा ने खुद को अलग करते हुए जिम्मेदारी अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट पर डाल दी है। श्री मीणा का कहना है कि हिसाब-किताब का सारा काम उनका सीए देखता है। पहले वाला कार्ड गुम हो गया, इसलिए दूसरा बनवाया। देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में आठ लाख से भी अधिक लोगों के प्रतिनिधि बनकर बैठने वाले रघुवीर मीणा का ये भोलापन किसी के गले नहीं उतर रहा है। रघुवीर और उनके सीए, दोनों ही पढ़े लिखे जिम्मेदार नागरिक है, जो अपने नाम की क्रस्पेलिंगञ्ज अच्छी तरह से जानते हैं। फिर क्ररघुवीरञ्ज नाम का क्रपैन कार्डञ्ज बनवाना आर्थिक अपराध करने की दिशा में उठाया गया कदम ही माना जाएगा। कोई भी सीए क्रडुप्लीकेटञ्ज कार्ड ही बनवाएगा, न कि नया। यदि सीए ने क्रडुप्लीकेटञ्ज कार्ड न बनवाकर नया कार्ड बनवाया है, तो वह भी कानून की नजर में बराबर का दोषी है। लोगों का मानना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि जो छिपाया जा रहा है, वह सामने आ सके।

इधर बसंतीदेवी के सलूम्बर से दाखिल किए गए विधायक पद के नाम निर्देशन पत्र में विवादास्पद तथ्य अंकन की जांच कराए जाने की मांग उठ खड़ी हुई है। प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार अमृतलाल मीणा ने सारे प्रकरण की जांच कराने की मांग जिला निर्चाचन अधिकारी से की है।

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