भटवाड़ा से पैदा हुआ बाबामगरा को खतरा

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जयसमंद के टापुओं पर होटल वॉर शुरू
jaisamandislandresort
उदयपुर। विश्व प्रसिद्ध जयसमंद झील के बीच एक नये आइलैंड रिसोर्ट के निर्माण की योजना ने बाबामगरा टापू पर निर्मित जयसमंद आइलैंड रिसोर्ट के मालिकों की नींद उड़ा दी है। ये लोग पिछले दो दिन से अपने से जुड़े समाचार पत्र क्रराजस्थान पत्रिकाञ्ज में प्रमुखता से बड़े-बड़े समाचार प्रकाशित करके यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जयसमंद में भटवाड़ा टापू पर एक आदिवासी की जमीन का कथित रूप से अवैध बेचान हो गया है। कोशिश यह है कि प्रशासन को दबाव में लाकर नये आइलैंड रिसोर्ट के निर्माण में अडंगा लगाया जा सके ताकि उनके रिसोर्ट का कोई प्रतिद्वंद्वी पैदा न हो जाए।
उल्लेखनीय है कि नब्बे के दशक में सत्ता परस्त पूंजीपतियों ने उस समय देश का सबसे बड़ा सौदा करते हुए जयसमंद के बीच ऐतिहासिक टापू बाबामगरा की अरबों रुपयों की 125 बीघा राजस्व भूमि कौडिय़ों में खरीद ली थी। इस पर सवाल उठा कि व्यावसायिक उपयोग के लिए दी गई जमीन का अलग से टैक्स क्यों नहीं लिया गया? तो जयसमंद आइलैंड रिसोर्ट की निर्माता सिल्वर शेडो एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 25 लाख रुपए अलग से जमा कराना पड़ा। उस समय प्रदेश में भैरोसिंह शेखावत की सरकार थी। रिसोर्ट का उद्घाटन करने के लिए शेखावत आए, जिन्होंने उद्घाटन अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के नाम पर राÓय सरकार की ओर से रिसोर्ट मालिकों को 25 लाख रुपए देने की घोषणा कर दी। बाद में यह रुपया उन्हें मिल भी गया। इस प्रकार जमा राजस्व लौटा दिया गया। इतना ही नहीं बाबा मगरा के जयसमंद आइलैंड रिसोर्ट को बिजली देने के लिए आठ किलोमीटर पानी में बिछाई गई बिजली लाइन का लाखों रुपए का खर्चा भी सरकार ने उठाया। बहाना यह बनाया गया कि बाबामगरा पर रहने वाली बस्ती में रोशनी पहुंचानी है। कुल मिलाकर इस आइलैंड रिसोर्ट में बड़े-बड़े नेताओं, अÈसरों और पूंजीपतियों की मिलीभगत की बातें भी सामने आई थी। सारे मामले का भंड़ाÈोड़ राष्ट्रीय साप्ताहिक क्रसंडेे मेलञ्ज में भी हुआ, लेकिन बाद में बात आई गई हो गई। जयसमंद आइलैंड रिसोर्ट चल निकला। उसके पास काÈी लंबा-चौड़ा कृत्रिम क्रक्रबीचञ्जञ्ज भी गैर कानूनी रूप से बना दिया गया। लेकिन अब बाबा मगरा के पास वाले टापू भटवाड़ा की योजना ने खलबली मचा दी है।
अब भटवाड़ा पर रहने वाले एकमात्र आदिवासी परिवार के मुखिया मोगा पुत्र कोदरा मीणा ने जयपुर के कीर्तिनगर निवासी दिग्विजयसिंह, इंद्रा राजपूत और सिविल लाइंस के अनुराग कुलवाल को अपनी जमीन का हस्तान्तरण करके सत्ता परस्त पूंजीपतियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। इसीलिए जयसमंद आइलैंड रिसोर्ट के कर्ता-धर्ता प्रताप भंडारी की रातों की नींद उड़ गई है।

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