इस मौसम में बच्चों का रखे खयाल

Date:

1460291_506938686068657_1138404154_nउदयपुर। आजकल का मौसम बच्चों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। दिन और रात के टेम्प्रेचर में बहुत ज्यादा डिफरेंस होने की वजह से बच्चों को कोल्ड डायरिया, निमोनिया, साइनोसाइटिस, अस्थमा जैसी बीमारियां अपने शिकंजे में ले रही हैं। आलम ये हं कि केवल हैलट और उर्सला की ओपीडी में डेली ३०० से ज्यादा पेशेंट्स पहुंच रहे हैं।
फेफड़ों पर पड़ रहा है असर: इस मौसम में डेंगू का प्रकोप पहले ही लोगों को परेशान कर रहा है। अब बदलते मौसम ने बच्चों की बीमारियां बढ़ गई हैं। निमोनिया से होने वाली मौतों की वजह से मृत्यु दर में इजाफा हो रहा है। निमोनिया में बच्चों के फेफड़ों की झिल्ली में सूजन आने लगती है। इसके इलाज में देरी जानलेवा होती है।
इनका रखें खयाल
:निमोनिया के सिम्पटम्स
:फेफड़ों में इंफेक्शन के साथ खांसी आना
:सीने में खडख़ड़ाहट
:हल्का बुखार, सांस लेने में तकलीफ
:चेहरा नीला पडना, पसली चलना
:कमजोरी महसूस होना
कोल्ड डायरिया के सिम्पटम्स
:भूख न लगना, कपकपी लगना
:पानी की कमी के साथ पैरों में एठन
:सुस्ती लगना, जी मिचलाना, पेट में दर्द
अस्थमा के सिम्पटम्स
:रात में लेटते वक्त सांस फूलना
:सीने में सीटी की आवाजें आना
:दम घुटना
:घबराहट, बैचेनी और उलझन के साथ उल्टियां आना
:पूरे शरीर में कम्पन होना
साइनोसाइटिस के सिम्पटम्स
सर्दी के मौसम में दिन का तापमान अधिक और रात के तापमान में कमी की वजह से नेजल म्यूकस मैम्बरेन में ड्राइनेस की वजह से खुस्की हो जाती है।
जिसकी वजह से आधी रात में बच्चों को ‘नाक बंद होनाÓ होने लगती है। ऐसे में बच्चों को मुंह से सांस लेनी पड़ती है।
विंटर अल्टीकेरिया
सर्दी के मौसम में वुलेन स्वेटर या फिर रात में ब्लेंकेट ओढने से बच्चों में खुस्की हो जाती है। इसे विंटर अल्टीकेरिया कहा जाता है। इस प्रॉब्लम से बचने के लिए वुलेन स्वेटर और ब्लेंकेट्स को धूप में रखने के बाद ही यूज करना चाहिए।
कैसे कर बच्चों के सुरक्षा
:बच्चों को सुबह-सुबह बाहर न निकलने दें।
:बच्चों को बाहर ले जाने से पहले फुली कवर्ड करके चलें।
:कोल्ड डायरिया से बचने के लिए ओआरएस या सोडियम, पोटेशियम का घोल देते रहें।
:हाथ-पैर में एठन से बचने के लिए जिंक का घोल देना चाहिए।
:बच्चों को समय-समय पर इम्युनिटी बूस्टर देते रहना चाहिए, जिससे उनका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बना रहे।
:बच्चों को गुनगुने पानी से ही नहलाएं।
:बच्चों को खट्टी, ठंडी और ऑयली फूड कम से कम देना चाहिए।
:बच्चों को नंगे पैर न चलने दें।
:नाक बंद होने पर कभी भी नेजल ड्रॉप न डालें, इसके बजाय गर्म पानी की भांप दे सकते हैं।
:इस मौसम में बच्चों को खास ख्याल रहने चाहिए। इस मौसम में बच्चों को पूरा कवर करके रखना चाहिए। बच्चों को ठंडी वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए। इस मौसम में शहर के एमबी अस्पताल में ८० प्रतिशत बच्चे बीमार हो रहे हैं।
-डॉ. लाखन पोसवाल, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, एमबी अस्पता

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Onlyfans Porn Ban Sex Workers

It was porn shower curtain because black les porn...

Kometa онлайн казино в России.1646

Kometa онлайн казино в России ...

Gioco Plinko nei casin online italiani.1009

Gioco Plinko nei casinò online italiani ...

Scompiglio Online AAMS ADM Lista dei Migliori Siti per Permesso

Suo cosicché perché dovrai abitare tu per disporre ad...