rapeRPJHONL004101020149Z15Z14 AMहाईकोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध करने वालों की सजा माफ करने तथा छेड़छाड़ या नाबालिग के अपहरण के अपराधियों को ऎसी रियायत का लाभ नहीं देने के सरकार के नियमों पर आश्चर्य जताया है।

गृह विभाग के विशेषाधिकारी (जेल) को 15 अक्टूबर को हाजिर हो स्पष्टीकरण देने को कहा है। न्यायाधीश मनीष भण्डारी ने हरसहाय बैरवा व तीन अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश दिया।

गुरूवार को जयपुर केंद्रीय कारागृह के अधीक्षक एआर नियाजी हाजिर हुए, कोर्ट ने पूछा, सामूहिक दुष्कर्म के अपराधियों को फरवरी 2014 में कैसे रिहा कर दिया? इस पर नियाजी ने स्पष्टीकरण के लिए समय चाहा।

दोषी हो तो की जाए कार्रवाई
कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सामूहिक दुष्कर्म के अपराधियों को सजा पूरी होने से पहले रिहा कर दिया जाता है। यह मामला गंभीर है। अपराधियों को रिहा करने में किसी की चूक पाए जाने पर कार्रवाई अमल में लाई जाए।

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